नई दिल्ली, 17 मार्च (हि.स)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को कहा कि हमें छोटे शहरों में टेस्टिंग को बढ़ाना होगा। ‘टेस्ट, ट्रैक और ट्रीट’ (जांच करो, पहचान करो और इलाज करो) को लेकर उतनी ही गंभीरता की जरूरत है, जैसे कि हम पिछले एक साल से करते आ रहे हैं। मुख्यमंत्रियों के साथ एक बैठक में वे अपनी बात रख रहे थे।
वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए राज्यों के मुख्यमंत्रियों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में टीकाकरण की गति लगातार बढ़ रही है। हम एक दिन में 30 लाख लोगों को वैक्सीनेट करने के आंकड़े को भी पार कर चुके हैं। लेकिन इसके साथ ही हमें टीका डोज के बर्बाद होने की समस्या को बहुत गंभीरता से लेना है।
उन्होंने कहा कि हमें छोटे शहरों में टेस्टिंग को बढ़ाना होगा। छोटे शहरों में “रेफरल सिस्टम” और “एम्बुलेंस नेटवर्क” के ऊपर भी विशेष ध्यान देना होगा। पीएम मोदी ने कहा कि ‘टेस्ट, ट्रैक और ट्रीट’ को लेकर हमें उतनी ही गंभीरता की जरूरत है, जैसे कि हम पिछले एक साल से करते आ रहे हैं। हर संक्रमित व्यक्ति के सम्पर्कों को कम से कम समय में ट्रैक करना और आरटी-पीसीआर टेस्ट रेट 70 प्रतिशत से ऊपर रखना बहुत अहम है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई में हम आज जहां तक पहुंचे हैं, उससे आया आत्मविश्वास कहीं भी लापरवाही में नहीं बदलना चाहिए। हमें जनता को पैनिक मोड में भी नहीं लाना है और परेशानी से मुक्ति भी दिलानी है।
बैठक को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कोरोना के खिलाफ देश की लड़ाई को एक साल से ज्यादा हो रहा है। भारत के लोगों ने कोरोना का जिस प्रकार सामना किया है, उसे लोग उदाहरण के रूप में प्रस्तुत करते हैं। आज देश में 96 प्रतिशत से ज्यादा मामले रिकवर हो चुके हैं। मृत्यु दर में भी भारत सबसे कम दर वाले देशों में है।