नई दिल्ली, 28 मार्च (हि.स)। आजादी की लड़ाई में हमारे सेनानियों ने बेइंतहा कष्ट इसलिए सहे, क्योंकि वे देश के लिए त्याग और बलिदान को अपना कर्तव्य समझते थे। उनके त्याग और बलिदान की अमर-गाथाएं हमें सतत कर्तव्य-पथ के लिए प्रेरित करेंगी। आज ‘मन की बात’ रेडियो कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यह बात कही।
प्रधानमंत्री मोदी ने देशवासियों को सुझाव देते हुए कहा कि किसी स्वाधीनता सेनानी की संघर्ष गाथा हो, किसी स्थान का इतिहास हो, देश की कोई सांस्कृतिक कहानी हो, आप ‘अमृत महोत्सव’ के दौरान उसे देश के सामने ला सकते हैं। देशवासियों को इससे जोड़ने का माध्यम बन सकते हैं।
‘मन की बात’ कार्यक्रम की 75वीं कड़ी में प्रधानमंत्री मोदी ने स्वतंत्रता सेनानियों का स्मरण कराया। उन्होंने कहा कि आप देखिएगा कि देखते ही देखते ‘अमृत महोत्सव’ ऐसे कितने ही प्रेरणादायी अमृत बिंदुओं से भर जाएगा। फिर ऐसी अमृत-धारा बहेगी जो हमें भारत की आजादी के सौ वर्ष तक प्रेरणा देगी। देश को नई ऊंचाई पर ले जाएगी। कुछ-न-कुछ करने का जज्बा पैदा करेगी।