धमतरी : बैंकों की हड़ताल से धमतरी में 300 करोड़ का लेनदेन प्रभावित

धमतरी, 15 मार्च ( हि. स.) । सरकारी बैंकों के लाखों कर्मचारी दो सार्वजनिक बैंकों के निजीकरण के प्रस्ताव के खिलाफ सोमवार को हड़ताल पर रहे। हड़ताल मंगलवार को भी जारी रहेगी। बैंक बंद रहने से बैंकिंग कामकाज प्रभावित हुआ। धमतरी जिले में बैंकों की हड़ताल से 300 करोड़ का लेनदेन प्रभावित हुआ। बैंक कर्मचारी स्टेट बैंक आफ इंडिया की मुख्य शाखा के सामने धरना प्रदर्शन करते हुए जमकर नारेबाजी करते रहे।
यूनाइटेड फोरम आफ बैंक यूनियंस (यूएफबीयू) बैनर के तले नौ यूनियन ने हड़ताल का आह्वान किया। यूनियन के आह्वान पर धमतरी में संचालित 17 से भी अधिक बैंक के कर्मचारी हड़ताल पर रहे। बैंक यूनियन के सदस्यों ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण की प्रक्रिया पूर्णता गलत है। इस तरह से निजी करण किया जाना उचित नहीं है। पूर्व में कई निजी बैंक डूब चुके हैं जिनका इतिहास हम सबके सामने है। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को मजबूत करने की आवश्यकता है, उनका निजीकरण करने की नहीं । डूबत ऋणों की वसूली को सुनिश्चित करने की आवश्यकता है। बैंकों के निजीकरण की आवश्यकता नहीं है। सार्वजनिक क्षेत्र के सभी बैंक पर्याप्त परिचालन लाभ दे रहें हैं, फिर उनका निजीकरण क्यों किया जा रहा है ? यदि निजी बैंक इतने अधिक कार्य कुशल हैं, तो अतीत में कई निजी बैंक ध्वस्त क्यों हो गए, जिन्हें अन्ततः सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने ही उबारा था । कई नामी-गिरामी निजी कारपोरेट बैंकों के प्रमुख ऋण चूककर्ता हैं, तो फिर सरकार हमारे बैंकों को उन्हें क्यों सौंपना चाहती है?। निजीकरण का मतलब रोजगार की सुरक्षा पर हमला है, इसलिए हम निजीकरण का विरोध करते हैं ।

उल्लेखनीय है कि वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में एलान किया था कि सरकार ने इस साल दो सरकारी बैंकों और एक बीमा कंपनी के निजीकरण का फैसला किया है। सरकार इससे पहले आईडीबीआई बैंक में अपनी ज्यादातर हिस्सेदारी भारतीय जीवन बीमा निगम को बेच चुकी है। पिछले चार साल में सार्वजनिक क्षेत्र के 14 बैंकों का विलय किया जा चुका है।हड़ताल में यूनियन अध्यक्ष शंकर साहा, पुष्पा कविता, निर्माण रवि सिन्हा, मनेश गिरी गोस्वामी, अमित गायकवाड़, शत्रुघन धीवर, छोटे कुमार, दिलीप बेहरा, श्रीकांत भट्टर सहित अन्य शामिल रहे।
कामकाज हुआ प्रभावित
हड़ताल के चलते बैंक शाखाओं में पैसा निकालने और जमा करने, चेक क्लीयरेंस और ऋण मंजूरी जैसी सेवाओं पर असर पड़ा। लोगों की भीड़ एटीएम के सामने नजर आई।

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