आपातकाल पर दादी ने भी गलती मानी थी: राहुल गांधी

नई दिल्ली, 03 मार्च (हि.स.)। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और सांसद राहुल गांधी ने पहली बार सार्वजनिक रूप से स्वीकार करते हुए कहा है कि उनकी दादी इंदिरा गांधी द्वारा आपातकाल लगाना एक ‘गलती’ थी। इस बात को स्वयं उनकी दादी ने भी स्वीकार किया था।

राहुल गांधी ने कहा है कि वर्तमान परिप्रेक्ष्य से वह बिल्कुल अलग स्थिति थी, क्योंकि कांग्रेस ने कभी भी देश के संस्थागत ढांचे पर कब्जा करने का प्रयास नहीं किया। अमेरिका के कोर्नेल विश्वविद्यालय में प्रोफेसर व भारत के पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार कौशिक बसु के साथ एक चर्चा में राहुल गांधी ने यह बात कही।

यह बात तब आई, जब राहुल गांधी मंगलवार शाम को प्रो. कौशिक बसु से विभिन्न मुद्दों पर चर्चा कर रहे थे। चर्चा के दौरान राहुल ने कहा कि वे कांग्रेस में आंतरिक लोकतंत्र के पक्षधर हैं। कांग्रेस ने भारत की स्वतंत्रता के लिए लड़ाई लड़ी, देश को उसका संविधान दिया और समानता के लिए खड़ी हुई।

इस बीच आपातकाल पर पूछे एक सवाल के जवाब में राहुल गांधी ने कहा कि ‘मुझे लगता है कि वह एक गलती थी। आपातकाल के दौरान देश में जो हुआ, वह गलत था और उसे कतई सही नहीं ठहराया जा सकता है। कांग्रेस की विचारधारा ऐसा करने की अनुमति नहीं देती है। इस भूल को दादी इंदिरा गांधी ने भी स्वीकार किया था। आपातकाल के तुरंत बाद ही चुनाव की घोषणा भी की गई थी।’

इस चर्चा के दौरान यह बात भी सामने आई कि पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने भी कहा था कि आपातकाल का फैसला इसलिए लिया गया था, क्योंकि उन्हें चुनाव में हार का डर था।

आपातकाल के फैसले को गलत ठहराने के साथ ही राहुल ने वर्तमान स्थिति से उसकी तुलना भी की। उन्होंने कहा कि पार्टी ने एक गलत निर्णय जरूर लिया, लेकिन कभी भी भारत के संवैधानिक ढांचे के साथ छेड़छाड़ करने की कोशिश नहीं की।

राहुल के बाद कुछ अन्य नेताओं ने भी आपातकाल के फैसले को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने तो यहां तक कहा कि इंदिरा गांधी को तभी महसूस हो गया था कि उनसे भूल हुई है। उन्होंने इमरजेंसी वापस लेकर सबको चौंका दिया था। निरुपम ने कहा कि वर्ष 1978 में महाराष्ट्र में ही एक सभा में इंदिरा गांधी ने अपनी भूल को सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया था।

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