रायपुर : बस्तर के किसान करेंगे रायपुर जिले के गौठानों का अवलोकन

रायपुर, 16 मार्च (हि.स.)। छत्तीसगढ़ की महत्वाकांक्षी सुराजी गांव योजना के अंतर्गत नरवा, गरूवा, घुरवा, बाड़ी का संरक्षण एवं संवर्धन किया जा रहा है। बस्तर के किसानों को गौठानों का भ्रमण कराते हुए यहां किसानों और महिला समूहों को मिल रहे लाभ, उन्नत कृषि एवं उद्यानिकी की तकनीकों को अपनाने के उद्देश्य से रायपुर जिले के गौठानों का भम्रण कराया जा रहा है।
जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डाॅ.गौरव कुमार सिंह ने बताया कि बस्तर संभाग के पाँच जिलों के ग्रामीणों को कृषि गतिविधियों में नवाचार अपनाने, गोधन न्याय योजना को बेहतर तरीके से समझाने तथा उन्नत कृषि को अपनाने के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से गौठान भ्रमण बनाया गया है। इसके तहत आज 16 मार्च को कांकेर, 17 मार्च को दंतेवाड़ा, 18 मार्च को जगदलपुर और बीजापुर तथा 19 मार्च को नारायणपुर जिले के 25-25 कृषकों का दल रायपुर जिले के गौठानों का भ्रमण करेंगे।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश के बस्तर क्षेत्र में पशुओं को खुला रखने की परंपरा है। गौठान निर्माण होने से यहां भी खेती किसानी के साथ सड़क सुरक्षा में मदद मिलेगी। साथ ही साथ बस्तर क्षेत्र में खाद्य प्रसंस्करण ईकाईयों, औद्योगिक एवं लघु कुटीर उद्योगों की अपार संभावनाएं है का भी विकास होगा।

गौठानों के लाभों को बस्तर क्षेत्र के ग्रामीणों तक पहुंचाने एवं बस्तर क्षेत्र के गौठान समितियों के सदस्यों को मध्य क्षेत्र में गोधन न्याय योजना के तहत संचालित गौठानों के सफलतापूर्ण निर्वहन किये जा रहे कार्यों के अवलोकन एवं भ्रमण हेतु गौठान भ्रमण कार्यक्रम तैयार किया गया है। रायपुर के अलावा बस्तर के किसान महासमुन्द, कांकेर, धमतरी, दुर्ग जिले के गौठानों का भी अवलोकन करेंगे। यह भी उल्लेखनीय है कि गोधन न्याय योजना का क्रियान्वयन हरेली पर 20 जुलाई 2020 से प्रारंभ किया गया है। इसके क्रियान्वयन से जैविक खेती बढ़ावा, ग्रामीण एवं शहरी स्तर पर रोजगार के नये अवसर, गौपालन एवं गौ-सुरक्षा का प्रोत्साहन साथ-साथ पशुपालकों, महिला स्व-सहायता समूहों को स्वावलंबी बनाया जा रहा है। गोधन न्याय योजना के अंतर्गत गौठान समितियों के माध्यम से गोबर क्रय करते हुए इससे वर्मीकम्पोस्ट एवं अन्य उत्पाद भी तैयार किए जा रहें हैं।

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