नई दिल्ली/लंदन 13 मार्च (हि. स.)। कृषि सुधार बिल और किसान आंदोलन पर ब्रिटेन ने एकबार फिर से सफाई देते हुए कहा है कि यह भारत का आतंरिक मामला है। यह बयान ब्रिटेन के मंत्री लॉर्ड तारिक अहमद ने भारत दौरे से पहले दिया है। मंत्री ने कहा कि कृषि कानूनों को लेकर किसानों का विरोध प्रदर्शन भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था का हिस्सा है उससे हमारा कोई लेना देना नहीं है।
गौरतलब है कि ब्रिटेन की संसदीय समिति के एक कक्ष में किसान आंदोलन और कृषि बिल को लेकर एक चर्चा का आयोजन किया गया था। इस चर्चा को भारत ने लोकतांत्रिक देश की राजनीति में हस्तक्षेप बताते हुए इसकी निंदा की थी। इसके साथ ही इस बैठक पर भारत की नाराजगी जताने के लिए भारत के विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने दिल्ली स्थित ब्रिटिश उच्चायुक्त एलेक्स एलिस को बुलाया था।
ब्रिटेन के विदेश, राष्ट्रमंडल और विकास कार्यालय (एफसीडीओ) में भारतीय मामलों के राज्य मंत्री लॉर्ड अहमद सोमवार को अपनी पांच दिवसीय भारत यात्रा शुरू करेंगे। उन्होंने अपनी यात्रा से पहले संवाददाताओं से कहा कि यह पहली बार है जब वे विरोध के मुद्दे पर औपचारिक रूप से बैठक कर रहे थे। भारत ने अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है, हमने यह बात भी दोहराई है कि बहस की संसदीय प्रणाली और हमारे संसदीय लोकतंत्र की प्रकृति ऐसी हो कि सरकार की स्थिति को भी स्पष्ट रूप से रखा जा सके।’
उन्होंने कहा कि विरोध प्रदर्शन कई महीनों से हो रहे हैं और लोकतंत्र के रूप में भारत ने पूरी तरह से विरोध के अधिकार की गारंटी दी है और इसे सुरक्षित किया है। ब्रिटोन इसे पूरी तरह से स्वीकार करता है। लॉर्ड अहमद ने कहा कि मैं स्पष्ट करता हूं कि विरोध प्रदर्शन का यह मामला पूरी तरह से भारत सरकार का मामला है। इस यात्रा को ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के आगामी दौरे के लिए कार्यक्रमों को अंतिम रूप देने के रूप में देखा जा रहा है। वे जून में कॉर्नवाल में जी7 शिखर सम्मेलन से पहले भारत का दौरा करने वाले हैं।