अगरतला, 10 मार्च (हि.स.)। त्रिपुरा के राज परिवार के सदस्य प्रद्युत किशोर देववर्मन ने एडीसी चुनावों के जरिए संसदीय राजनीति में प्रवेश करने के लिए कदम बढ़ाया है। बुधवार को उन्होंने एडीसी चुनाव में ताकारजोला-जम्पुइज़ला निर्वाचन क्षेत्र से अपना नामांकन दाखिल किया। प्रद्युत के चुनाव लड़ने को लेकर राजनीतिक क्षेत्र काफी आश्चर्य जताया जा रहा है। क्योंकि, राजनीति में प्रत्यक्ष भागीदारी के लिए कोई आपत्ति नहीं थी, लेकिन प्रद्युत ने संसदीय राजनीति में प्रवेश नहीं करने का फैसला किया था। अचानक उन्होंने अपना फैसला कैसे बदल दिया। वहीं आईपीएफटी के विश्वासघात को उनके फैसले के पीछे के कारणों में से एक माना जा रहा है।
तिपरा पहले ही कई सीटों के लिए उम्मीदवारों की सूची की घोषणा कर चुकी है। हालांकि, इस बात की कोई घोषणा नहीं थी कि प्रद्युत चुनाव लड़ेंगे। उनके नामांकन दाखिल करते ही राजनीति का समीकरण फिर से बदलता दिख रहा है। यही नहीं, यह भी स्पष्ट हो गया है कि वह आईपीएफटी का बदला लेने के लिए चुनाव लड़ रहे हैं। क्योंकि, आईपीएफटी के अध्यक्ष और राजस्व मंत्री एनसी देववर्मा के ख़ास इलाके को उन्होंने चुनाव के लिए चुना है।
आंकड़ों के अनुसार, 2018 के विधानसभा चुनावों में आईपीएफटी के एनसी देववर्मा ने ताकारजोला-जम्पुइज़ला निर्वाचन क्षेत्र से सबसे बड़े अंतर से जीत हासिल किया था। उस चुनाव में एनसी देववर्मा पूरे राज्य में सबसे अधिक वोटों के साथ चुनाव जीतने वाले उम्मीदवार थे। यह अनुमान लगाना आसान है कि प्रद्युत ने उस क्षेत्र से नामांकन दाखिल कर चुनावी लड़ाई में बड़ी चुनौती मोल ले ली है।
बुधवार को उन्होंने कहा, तिपरा और इंडिजिनस नेशनलिस्ट पार्टी आफ तिपरा (आईएनपीटी) गठबंधन 28 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे। तिपरा 23 सीटों पर और आईएनपीटी 5 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। उन्होंने दावा किया कि अधिकांश निर्वाचन क्षेत्रों में नामांकन जमा करने का काम पूरा हो चुका है।