- सीपीएम ने हमले के पीछे भाजपा का बताया हाथ
अगरतला, 03 मार्च (हि.स.)। त्रिपुरा में सीपीएम पार्टी के एक कार्यक्रम में हिस्सा लेते समय विपक्ष के उप नेता बादल चौधरी पर हमला हो गया। वामपंथ ने हमले के लिए सत्ताधारी पार्टी को जिम्मेदार ठहराया है।
हालांकि, भाजपा ने बादल के सभी आरोपों को खारिज कर दिया है। भाजपा के प्रवक्ता नबेंदु भट्टाचार्य ने कहा है कि भाजपा हिंसा की राजनीति में विश्वास नहीं करती है। हिंसा सीपीएम की संस्कृति है। त्रिपुरा को उस संस्कृति की काली छाया से मुक्त करने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सीपीएम को बादल चौधरी पर हमला करने वालों की पहचान को उजागर करना चाहिए। यदि आवश्यक हो तो थाना में प्राथमिकी भी दर्ज कराना चाहिए।
बुधवार को माकपा की केंद्रीय समिति के सदस्य और विपक्ष के उपनेता बादल चौधरी पर उनके निर्वाचन क्षेत्र ऋषिमुख में हमला किया गया। उन्होंने कहा कि पार्टी के दक्षिण त्रिपुरा जिला समिति के सचिव व पूर्व विधायक बासुदेव मजुमदार, बिलोनिया उप-मंडल समिति के सचिव तापस दत्ता सहित ऋष्यमुख के मनीरामपुर में 6वें अनुसूचित जनजाति क्षेत्र जिला परिषद के गठन और कोकोबोरोक भाषा के स्वीकृति की मांग के दौरान मारे गए धनंजय त्रिपुरा को श्रद्धांजलि देने गए थे।
आरोपों में कहा गया है कि बुधवार को लगभग 12.30 बजे मुहूरीपुर सहित अन्य क्षेत्रों के भाजपा के बाइकर्स ने पुलिस के सामने बर्बर हमला किया और वाहनों तोड़फोड़ दिया। उन्होंने दावा किया कि उपद्रवियों के हमले से बचने के लिए वे किसी तरह बिलोनिया शहर पहुंचे। उसके बाद दक्षिण त्रिपुरा जिला पुलिस अधीक्षक के कार्यालय में पहुंचकर इस घटना से अवगत कराया।
इस संबंध में, सीपीएम स्टेट कमेटी ने एक बयान में कहा है कि 2018 में आज ही के दिन, भाजपा और उसके चुनावी गठबंधन ने विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करते हुए फ़ासीवादी आतंकवाद को त्रिपुरा में प्रोत्साहन दिया। पिछले तीन वर्षों से हर दिन भाजपा के उपद्रवी हिंसक हमले कर रहे हैं। लेकिन, कानून को लागू करने वाली एजेंसियां अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करने में विफल साबित हो रही हैं। सीपीएम ने पुलिस की निष्क्रियता पर नाराजगी व्यक्त करते हुए इस घटना की निंदा की है। साथ ही हमलावरों की जल्द गिरफ्तारी की मांग की है।
ज्ञात हो कि विपक्ष के नेता माणिक सरकार और विपक्ष के उप-नेता बादल चौधरी ने मंगलवार को बिलोनिया का दौरा किया था। इस दौरान दोनों नेताओं को बर्खास्त शिक्षकों और चिट फंड के पीड़ितों के क्रोध का सामना करना पड़ा था। उन्हें काले झंडे दिखाये गये थे। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता ने दावा किया कि उस घटना की वजह से बादल चौधरी पर हमला किया गया है। उन्होंने कहा कि बादल पर हमला करने वाले भाजपा कार्यकर्ता नहीं थे।