कोलंबो, 02 मार्च (हि.स.)। श्रीलंका की ओर से मंगलवार को कहा गया है कि वह कोलंबो पोर्ट पर भारत और जापान के साथ मिलकर वेस्ट कंटेनर टर्मिनल (डब्ल्यूसीटी) विकसित करेगा।
सोमवार को मंत्रिमंडल की बैठक में लिये गए निर्णयों की घोषणा करते हुए प्रवक्ता केहेलिया रम्बुकवेला ने बताया कि भारत और जापान के निवेशकों को वेस्ट कंटेनर टर्मिनल विकसित करने की मंजूरी दे दी गई है।
दरअसल साल 2019 में भारत और जापान को संयुक्त रूप से ईस्ट कंटेनर टर्मिनल (ईसीटी) विकसित करने वाले त्रिपक्षीय समझौते से बाहर कर दिया गया है, क्योंकि 23 पोर्ट यूनियनों ने यह सौदा रद्द करने का भारी दबाव बनाया। विपक्षी दल भी इस समझौते के खिलाफ लगातार प्रदर्शन कर रहे थे।
फिलहाल कोलंबो ने डब्ल्यूसीटी को एक विकल्प के रूप में पेश किया है, जिससे विदेशी निवेशकों को अधिक हिस्सेदारी रखने की अनुमति मिली।
जिस ईसीटी परियोजना से विपक्ष के दबाव में श्रीलंका सरकार ने भारत और जापान को बाहर कर दिया, उसमें श्रीलंका पोर्ट अथॉरिटी की पहले 51 प्रतिशत तथा भारत और जापान की 49 प्रतिशत हिस्सेदारी होती।अधिकारियों ने कहा कि डब्ल्यूसीटी के प्रस्ताव में अब भारत और जापान के पास 85% स्टैक होगा, जैसा चाइना मर्चेंट्स पोर्ट होल्डिंग्स कंपनी लिमिटेड के पास कोलंबो इंटरनेशनल कंटेनर टर्मिनल में है।