पंजाब में विनाशकारी बाढ़: 1,018 गांव जलमग्न, बड़े पैमाने पर राहत और बचाव कार्य जारी

चंडीगढ़, 31 अगस्त: पंजाब राज्य को अपने इतिहास की सबसे भीषण बाढ़ का सामना करना पड़ रहा है, जिसने 1988 की आपदा को भी पीछे छोड़ दिया है। हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर से भारी बारिश के कारण अतिरिक्त पानी आने से स्थिति भयावह हो गई है।

जलस्रोतों के पूरी तरह भर जाने से राज्य के जलाशयों में पानी ओवरफ्लो हो रहा है, और नियंत्रित तरीके से पानी छोड़ने के बाद भी स्थिति और जटिल हो गई है।

जानकारी के अनुसार, पंजाब के जल संसाधन मंत्री वरिंदर कुमार गोयल ने पुष्टि की है कि पड़ोसी राज्यों से भारी जल प्रवाह इस बड़े पैमाने पर हुई तबाही का कारण है।

इस बाढ़ से अब तक 9 जिलों के 1,018 गांव जलमग्न हो गए हैं। इनमें से सबसे अधिक प्रभावित गुरदासपुर जिले में 323 गांव हैं। बाढ़ से लगभग 60,000 हेक्टेयर कृषि भूमि क्षतिग्रस्त हो गई है, जिससे किसानों को भारी वित्तीय नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। फसलों और मवेशियों के नुकसान से लेकर भूमि को स्थायी क्षति भी पहुंची है।

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, अब तक 11,330 लोगों को बचाया गया है। प्रभावित जिलों में मुख्य रूप से गुरदासपुर, फिरोजपुर, फाजिल्का, कपूरथला और अमृतसर शामिल हैं।

बचाव कार्यों में भारतीय सेना, वायु सेना, बीएसएफ, एनडीआरएफ, पंजाब पुलिस के साथ-साथ स्थानीय स्वयंसेवी संगठन और आम लोग भी दिन-रात काम कर रहे हैं।

पंजाब सरकार की पूरी कैबिनेट और उच्च पदस्थ अधिकारी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सीधी निगरानी के लिए मैदान में मौजूद हैं। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए तत्काल कदम उठाए जा रहे हैं।