नई दिल्ली, 29 अगस्त: विपक्षी दलों द्वारा मतदान में धांधली और मतदाता सूची में हेराफेरी के बार-बार लग रहे आरोपों के बीच, चुनाव आयोग ने शुक्रवार को बताया कि 1 अगस्त से 29 अगस्त के बीच राजनीतिक दलों द्वारा केवल 117 दावे और आपत्तियाँ दर्ज की गईं।
नागरिकों द्वारा दर्ज किए गए लगभग 2,12,000 दावों और आपत्तियों की तुलना में यह संख्या नगण्य है। चुनाव आयोग के 29 अगस्त के बुलेटिन के अनुसार, इन 117 में से 108 आपत्तियाँ अकेले भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) लिबरेशन द्वारा दर्ज की गई हैं।
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने 9 आपत्तियाँ दर्ज की हैं। वहीं, भाजपा, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, बसपा, माकपा और राष्ट्रीय जनता दल जैसी सभी मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय पार्टियों ने एक भी दावा या आपत्ति दर्ज नहीं की है। ये आँकड़े ऐसे समय में सामने आए हैं जब कांग्रेस और राजद जैसे विपक्षी दल आरोप लगा रहे हैं कि SARE प्रक्रिया एक ‘साज़िश’ है जिसके ज़रिए असली मतदाताओं को सूची से बाहर करके फ़र्ज़ी मतदाताओं को शामिल किया जा रहा है।
SARE प्रक्रिया 24 जून को शुरू हुई थी और मसौदा मतदाता सूची 1 अगस्त को प्रकाशित हुई थी। दावे और आपत्तियाँ दाखिल करने की आखिरी तारीख 1 सितंबर है, यानी सिर्फ़ तीन दिन बाकी हैं। चुनाव आयोग ने कहा है कि केवल निर्धारित प्रपत्र में दिए गए दावे या आपत्तियाँ ही वैध मानी जाएँगी। अन्य शिकायतों को सामान्य शिकायत या अज्ञात शिकायत मानकर खारिज कर दिया गया है।
आयोग के बुलेटिन में यह भी कहा गया है कि जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 के तहत संबंधित विधानसभा क्षेत्र के मतदाताओं के अलावा किसी और से कोई वैध दावा प्राप्त नहीं हुआ।
