नई दिल्ली, 27 अगस्त: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद चलाए गए दो सफल आतंकवाद विरोधी अभियान, ऑपरेशन सिंदूर और ऑपरेशन महादेव, भारत के आतंकवाद के प्रति दृढ़ रुख को दुनिया के सामने रखते हैं। बुधवार को उन्होंने ऑपरेशन महादेव में भाग लेने वाले भारतीय सेना, जम्मू और कश्मीर पुलिस, और सीआरपीएफ के बहादुर जवानों को सम्मानित किया और उनकी जमकर प्रशंसा की।
इस अवसर पर अमित शाह ने कहा, “ऑपरेशन सिंदूर और ऑपरेशन महादेव ने आतंकवाद के सरगनाओं को यह स्पष्ट संदेश दिया है कि अगर वे भारत के नागरिकों के जीवन से खिलवाड़ करेंगे, तो इसके परिणाम बहुत गंभीर होंगे।” उन्होंने आगे कहा, “ऑपरेशन सिंदूर ने लोगों में संतुष्टि जगाई, और ऑपरेशन महादेव ने उस संतुष्टि को आत्मविश्वास में बदल दिया।”
यह उल्लेखनीय है कि 22 अप्रैल को जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में निर्दोष पर्यटकों पर हुए आतंकवादी हमले के बाद 7 मई को भारतीय सुरक्षा बलों ने ऑपरेशन सिंदूर चलाया था। इस अभियान में कुछ आतंकवादी मारे गए थे, लेकिन फरार आतंकवादियों की तलाश जारी थी। आखिरकार, 28 जुलाई को श्रीनगर के दाचीगाम जंगल में खुफिया जानकारी के आधार पर ऑपरेशन महादेव चलाया गया, जिसमें सुरक्षा बलों ने तीन कुख्यात लश्कर-ए-तैयबा आतंकवादियों को मार गिराया। मारे गए आतंकवादियों में सुलेमान शाह उर्फ ‘फैजल जट’, जो एक ए++ श्रेणी का आतंकवादी और हमले का मास्टरमाइंड और मुख्य शूटर था; अबू हमजा उर्फ ‘अफगान’, एक ए-ग्रेड कमांडर और दूसरा शूटर; और यासिर उर्फ ‘जिब्रा’, एक ए-ग्रेड कमांडर और तीसरा शूटर शामिल थे। ये तीनों आतंकवादी पहलगाम हमले के बाद से दाचीगाम के जंगल में छिपे हुए थे।
गृह मंत्री ने बताया कि भारत की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी ने तकनीकी रूप से साबित कर दिया है कि ऑपरेशन महादेव में मारे गए तीनों आतंकवादी ही पहलगाम हमले के मुख्य आरोपी थे। उन्होंने कहा, “हमारे बलों ने न केवल कुशलता से इस अभियान को अंजाम दिया, बल्कि दुनिया को यह भी दिखाया कि आतंकवादी चाहे जितनी भी नई तकनीक अपना लें, वे अब भारत की धरती पर अराजकता फैलाकर बच नहीं पाएंगे।”
अमित शाह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पूरे देश की ओर से इन अभियानों में भाग लेने वाले सभी सुरक्षा कर्मियों को हार्दिक धन्यवाद और बधाई दी। उन्होंने कहा, “इन सफल अभियानों से देश के लोगों के मन में जो सुरक्षा की भावना पैदा हुई है, वह भविष्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।” उन्होंने यह भी टिप्पणी की कि इन दो अभियानों के माध्यम से आतंकवाद को खत्म करने के प्रति भारत का रुख अडिग और सख्त है।
