अमित शाह ने ‘वाइब्रेंट विलेजेस प्रोग्राम’ कार्यशाला का उद्घाटन किया

नई दिल्ली, 26 अगस्त: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज नई दिल्ली में दो दिवसीय ‘वाइब्रेंट विलेजेस प्रोग्राम’ कार्यशाला का उद्घाटन किया। गृह मंत्रालय के सीमा प्रबंधन प्रभाग द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में अमित शाह ने कहा कि यह योजना तीन स्तंभों पर आधारित है: सीमावर्ती गांवों से पलायन रोकना, केंद्र और राज्य सरकारों की सभी योजनाओं का लाभ सीमा निवासियों तक पहुंचाना और इन गांवों को देश की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए प्रभावी उपकरण के रूप में विकसित करना। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम के तहत चिह्नित गांव भविष्य में देश की सुरक्षा व्यवस्था के लिए एक अमूल्य संपत्ति बनेंगे।

सीमावर्ती क्षेत्रों में “योजनाबद्ध बदलाव” पर चिंता

अपने संबोधन में अमित शाह ने सीमावर्ती क्षेत्रों में हो रहे जनसांख्यिकीय बदलाव को एक “योजनाबद्ध साजिश” बताया। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि इसे केवल भौगोलिक कारणों से हो रहा मान लेना एक गलती होगी। उन्होंने कहा कि यह एक उद्देश्यपूर्ण प्रक्रिया है जिसका देश की सीमाओं और राष्ट्रीय सुरक्षा पर सीधा प्रभाव पड़ता है। उन्होंने सीमावर्ती जिलों के जिलाधिकारियों को 30 किलोमीटर के दायरे में सभी अवैध धार्मिक अतिक्रमणों को हटाने का निर्देश दिया, क्योंकि ये राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा हैं। उन्होंने गुजरात सरकार का उदाहरण देते हुए बताया कि किस तरह उन्होंने समुद्री और स्थलीय सीमाओं से कई अवैध अतिक्रमण हटाए हैं।

2023 में शुरू हुआ ‘वाइब्रेंट विलेजेस प्रोग्राम’

2023 में शुरू किया गया केंद्र प्रायोजित ‘वाइब्रेंट विलेजेस प्रोग्राम’ मुख्य रूप से भारत के उत्तरी, उत्तर-पूर्वी और उत्तर-पश्चिमी सीमावर्ती जिलों के चुनिंदा गांवों के विकास के उद्देश्य से शुरू किया गया था। इस परियोजना का दूसरा चरण अप्रैल 2025 में शुरू हुआ है, जिसके लिए 2028-29 वित्तीय वर्ष तक 6,839 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। गृह मंत्री ने कहा कि इस कार्यक्रम के माध्यम से सीमावर्ती गांवों को न केवल रहने योग्य, बल्कि सुरक्षा की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण शक्ति में बदलने का मार्ग दिखाया जा रहा है।