एसयूसीआई ने अगरतला नगर निगम को 9 सूत्रीय मांगों के साथ एक प्रतिनिधिमंडल भेजा, शहर की बदहाली पर कई शिकायतें उठाईं

अगरतला, 25 अगस्त: अगरतला नगर निगम के एसयूसीआई ने नागरिकों की समस्याओं और शहर में सेवाओं की कमी के खिलाफ 9 सूत्रीय मांग उठाई है। संगठन ने आरोप लगाया है कि नगर निगम की लापरवाही के कारण शहर की स्थिति दिन-ब-दिन बदतर होती जा रही है, जिसका असर आम नागरिकों के दैनिक जीवन पर पड़ रहा है।

एसयूसीआई के एक प्रतिनिधि ने आज पत्रकारों को बताया कि नागरिक समय पर कर चुकाने के बावजूद, उन्हें सेवाएँ नहीं मिल रही हैं। मच्छरों का प्रकोप, गंदा कचरा, जमा पानी और शुद्ध पेयजल की कमी नगर निगम की घोर विफलता को दर्शाती है। उन्होंने आगे कहा कि इतना ही नहीं, नगर निगम के वाहनों के उचित रखरखाव के अभाव में शहर में यातायात जाम और वायु प्रदूषण में भारी वृद्धि हुई है। निगम स्वयं पर्यावरण प्रदूषण का कारण बन गया है।

प्रतिनिधिमंडल में उठाई गई 9 सूत्री मुख्य माँगें हैं: मच्छरों के प्रकोप को खत्म करने के लिए प्रभावी कदम उठाना, खासकर जलभराव वाले इलाकों में वारली और ब्लीचिंग पाउडर छिड़कने के काम में तेजी लाना। शहर के हर वार्ड में नियमित कचरा संग्रहण और पर्याप्त संख्या में कूड़ेदान लगवाना, शुद्ध पेयजल सुनिश्चित करना। कई इलाकों में नागरिक अभी भी पेयजल समस्या से जूझ रहे हैं। हर के हर स्वास्थ्य केंद्र में पर्याप्त संख्या में डॉक्टरों की नियुक्ति और दवाओं की अच्छी आपूर्ति की व्यवस्था करना।

इसके अलावा, जल निकासी व्यवस्था का आधुनिकीकरण। बरसात के मौसम में शहर की सड़कों पर पानी जमा होने पर जनता की परेशानी चरम पर होती है। यातायात व्यवस्था में सुधार और नगर निगम के वाहनों से होने वाले प्रदूषण पर नियंत्रण,
बेरोजगार युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा करना।

एसयूसीआई नेतृत्व का दावा है कि अगर इन माँगों को जल्द पूरा नहीं किया गया तो संगठन एक बड़े आंदोलन की राह पर चलेगा। अगरतला शहर के नागरिक लंबे समय से विभिन्न समस्याओं से जूझ रहे हैं, लेकिन प्रशासन पर उदासीनता का आरोप है।

संगठन ने बताया कि आगामी दिनों में वार्ड आधारित जनमत अभियान चलाया जाएगा तथा नगर निगम पर समस्या के समाधान के लिए जन दबाव बनाया जाएगा।