लोकसभा स्पीकर का कड़ा रुख, समय के नुकसान और शालीनता भंग का आरोप

नई दिल्ली, 21 अगस्त: लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने आज संसद के मानसून सत्र को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया। 21 जुलाई से शुरू हुए इस सत्र के दौरान कई महत्वपूर्ण विधेयक पेश और पारित हुए, लेकिन साथ ही असहमति और गहन राजनीतिक तनाव की स्थिति भी बनी रही। स्पीकर ने बताया कि इस सत्र में कुल 14 सरकारी विधेयक पेश किए गए और उनमें से 12 पारित हुए।

स्पीकर ने इस दौरान हुए दो विशेष चर्चा सत्रों का उल्लेख किया। पहला था ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर, जिसका जवाब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिया। दूसरा था भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम की सफलताओं को लेकर लोकसभा में हुई चर्चा।

हालांकि, स्पीकर ने यह भी स्पष्ट किया कि इस सत्र में कुल 419 स्टार प्रश्न सूचीबद्ध थे, लेकिन केवल 55 प्रश्नों का मौखिक उत्तर दिया जा सका। इसके पीछे प्रमुख कारण सदन में पूर्व नियोजित अराजकता और व्यवधान था। उन्होंने बताया कि पूरे सत्र में कुल कार्यदिवस मात्र 37 घंटे के बराबर रहे, जो बेहद निराशाजनक है।

ओम बिरला ने सांसदों के आचरण और भाषा को लेकर भी गहरी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि कुछ सदस्यों का व्यवहार और बोली गई भाषा संसद की गरिमा के खिलाफ थी। स्पीकर ने सभी सांसदों से आग्रह किया कि संसद की शालीनता बनाए रखना प्रत्येक सदस्य की जिम्मेदारी है। उन्होंने यह भी कहा कि संसद और उसके परिसर में उपयोग की जाने वाली भाषा हमेशा सम्मानजनक और शालीन होनी चाहिए।

सत्र की शुरुआत होते ही सुबह 11 बजे बिहार में विशेष मतदाता सूची संशोधन को लेकर विपक्ष ने जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। स्पीकर जब प्रश्नोत्तर सत्र शुरू करना चाहते थे, तो विपक्ष के उत्तेजक व्यवहार के कारण संसद को दोपहर तक स्थगित करना पड़ा।

इस प्रकार, भारत के इस मानसून सत्र का अंत हुआ जिसमें कार्यदिवस की कमी, तीव्र राजनीतिक टकराव और संसद की शालीनता को लेकर कई सवाल खड़े हो गए।