नई दिल्ली, 16 अगस्त : यूक्रेन-रूस के बीच चल रहे युद्ध को खत्म करने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच अलास्का में हुई बैठक का भारत ने स्वागत किया है।
शनिवार को एक सरकारी बयान में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, “भारत अलास्का में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच हुई शिखर वार्ता का स्वागत करता है। शांति के लिए उनका नेतृत्व सराहनीय है। भारत इस बैठक में हुई प्रगति का मूल्यांकन कर रहा है।”
उन्होंने आगे कहा, “संघर्ष का समाधान केवल बातचीत और कूटनीति से ही संभव है। पूरी दुनिया यूक्रेन युद्ध का जल्द से जल्द अंत चाहती है।”
शुक्रवार को अलास्का में यह बैठक लगभग तीन घंटे तक चली। बैठक के बाद दोनों राष्ट्राध्यक्षों ने एक संक्षिप्त संयुक्त बयान जारी किया, लेकिन कोई समझौता नहीं हुआ और उन्होंने पत्रकारों के सवाल भी नहीं लिए। ट्रम्प ने बैठक को “बहुत ही फलदायी” बताया और कहा कि कई मुद्दों पर प्रगति हुई है। हालाँकि, उन्होंने अपने जाने-पहचाने अंदाज में टिप्पणी की, “यदि कोई समझौता नहीं होता है, तो कोई समझौता नहीं होता है।”
यहाँ यह उल्लेखनीय है कि यह प्रतिक्रिया ऐसे समय में आई है जब राष्ट्रपति ट्रम्प ने हाल ही में भारत के निर्यात पर 50% टैरिफ लगाया है। उन्होंने इसका कारण भारत के रूस के साथ तेल व्यापार को बताया है। बैठक से पहले, ट्रम्प ने दावा किया था कि रूस के साथ भारत के तेल व्यापार बंद होने से मॉस्को ने एक बड़ा खरीदार खो दिया है।
ट्रम्प ने कहा, “भारत रूस का लगभग 40% तेल खरीद रहा था, अब वे ऐसा नहीं कर रहे हैं। आप जानते हैं कि चीन बहुत कुछ कर रहा है। और अगर मैं द्वितीयक प्रतिबंध लगाता हूँ, तो यह रूस के लिए भयावह होगा। मैं ज़रूरत पड़ने पर उन्हें लगाऊँगा, शायद ज़रूरत नहीं पड़ेगी।”
