अगरतला, 12 अगस्त : त्रिपुरा के मुख्यमंत्री प्रोफेसर डॉ. माणिक साहा ने अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस के अवसर पर अभिभावकों से अपील की कि वे अपने बच्चों पर विशेष निगरानी रखें, ताकि वे नशे की चपेट में न आएं। साथ ही उन्होंने छात्रों को आत्मविश्वास बढ़ाने और नशे के खिलाफ मानसिक रूप से मजबूत होने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि ड्रग्स से लड़ाई अकेले सरकार या एजेंसियों के बस की बात नहीं है। इसके लिए समाज के हर वर्ग को साथ आना होगा।
मुख्यमंत्री यह बात अगरतला स्थित प्रज्ञा भवन में त्रिपुरा राज्य एड्स नियंत्रण सोसाइटी द्वारा आयोजित राज्यव्यापी “सचेतना घंटी अभियान” के उद्घाटन समारोह में कही। कार्यक्रम में करीब 6,000 छात्र-छात्राओं ने एक साथ घंटी बजाकर एड्स और नशे के खिलाफ जागरूकता फैलाने की दिशा में कदम बढ़ाया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ड्रग्स लेने की शुरुआत अक्सर मजाक-मजाक में होती है, लेकिन धीरे-धीरे यह एक खतरनाक लत में बदल जाती है। उन्होंने कहा, अभिभावकों को चाहिए कि वे यह देखें कि उनका बच्चा कहां जा रहा है, किसके साथ समय बिता रहा है। छात्र जीवन में दिशा भटकने की संभावना अधिक होती है। कई बार अच्छे छात्र भी गलत संगत में फंसकर रास्ता भटक जाते हैं। डॉ. साहा ने चेतावनी दी कि जो छात्र पहली बार ड्रग्स का सेवन करते हैं, उन्हें शुरू में गलत लग सकता है, लेकिन जब लत लग जाती है, तो सही-गलत की समझ चली जाती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि त्रिपुरा पूर्वोत्तर भारत में HIV संक्रमण के मामलों में चौथे स्थान पर है, जो चिंताजनक है। उन्होंने HIV के प्रसार को रोकने के लिए भी व्यापक जनजागरण और सहयोग की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने कहा, जैसे हमने कोरोना के खिलाफ एकजुट होकर लड़ाई लड़ी, वैसे ही HIV के खिलाफ भी सभी को मिलकर काम करना होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि रेड रिबन क्लबों की संख्या स्कूल-कॉलेजों में बढ़ाई जानी चाहिए, ताकि युवाओं में जागरूकता फैलाई जा सके। साथ ही सेफ सेक्स और HIV संक्रमण से बचाव के बारे में खुले तौर पर बातचीत करने की जरूरत है। उन्होंने कहा, इन विषयों पर चर्चा करने में शर्म महसूस नहीं करनी चाहिए, क्योंकि चुप्पी से समस्या बढ़ती है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि अब तक त्रिपुरा में 3,433 HIV/AIDS मरीजों को 2,000 रुपए मासिक भत्ता दिया जा रहा है। साथ ही अगरतला सरकारी मेडिकल कॉलेज में HIV से ग्रसित माताओं और बच्चों के लिए विशेष केंद्र भी स्थापित किया गया है। उन्होंने जानकारी दी कि राज्य के 1,187 स्कूलों में कक्षा 8वीं से 12वीं तक के करीब 2.31 लाख छात्रों को एड्स जागरूकता कार्यक्रम के अंतर्गत लाया गया है। HIV संक्रमित लोगों को सामान्य इंसानों की तरह समझना हमारी सामाजिक जिम्मेदारी है। उन्हें हतोत्साहित नहीं, बल्कि सहारा देना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने ड्रग्स के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई है। उन्होंने कहा, मैंने पुलिस महानिदेशक सहित सभी एजेंसियों को निर्देश दिया है कि ड्रग्स के साथ किसी भी व्यक्ति को बख्शा न जाए। उन्होंने बताया कि ड्रग्स की जब्ती और विनष्टि की मात्रा पिछले कुछ वर्षों में काफी बढ़ी है।
इस मौके पर स्वास्थ्य विभाग के सचिव किरण गित्ते, शिक्षा विभाग के विशेष सचिव रावेल हेमेन्द्र कुमार, निदेशक एनसी शर्मा, मिशन निदेशक साजु वाहिद ए, स्वास्थ्य निदेशक डॉ. तपन मजूमदार, एड्स कंट्रोल सोसाइटी की परियोजना निदेशक डॉ. बिनीता चकमा सहित कई वरिष्ठ अधिकारी और चिकित्सक उपस्थित थे।
