अगरतला, 12 अगस्त: पश्चिमी जयपुर क्षेत्र में लगभग 19 परिवार चार दशकों से भी ज़्यादा समय से सरकारी ज़मीन पर रह रहे थे। लेकिन हाल ही में प्रशासन ने उन्हें बेदखली का नोटिस भेजा है। इसलिए उनके सिर पर आसमान टूट पड़ा है। क्योंकि, उनके पास ज़मीन खरीदने की आर्थिक क्षमता नहीं है। इसलिए आज वे वैकल्पिक आवास की मांग को लेकर ज़िला मजिस्ट्रेट से मिले हैं।
जानकारी के अनुसार, लगभग 40-45 वर्षों से ये परिवार सरकारी नियमों के अनुसार नगर निगम का कर और बिजली का बिल चुका रहे हैं। परिवार के ज़्यादातर सदस्य दिहाड़ी मज़दूरी या घरेलू नौकरानी का काम करके अपना गुज़ारा करते हैं। कुल सदस्यों की संख्या सौ से ज़्यादा है, जिनमें बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग शामिल हैं। हाल ही में प्रशासन ने उन्हें बेदखली का नोटिस भेजा है। इसलिए उनके सिर पर आसमान टूट पड़ा है।
उन्होंने कहा कि उनके पास ज़मीन खरीदने की आर्थिक क्षमता नहीं है। इससे पहले, वे स्थानीय पार्षद और विधायक से भी मदद की गुहार लगा चुके हैं। लेकिन समय सीमा लगभग समाप्त होने के कारण, वे आज सीधे ज़िला मजिस्ट्रेट के पास पहुँचे हैं। उनकी एकमात्र माँग यही है कि सरकारी विकास कार्यक्रम जारी रहें, लेकिन साथ ही उनके पुनर्वास की व्यवस्था भी की जाए।
उनके शब्दों में, “हम विकास के ख़िलाफ़ नहीं हैं, लेकिन हमें अपने सिर पर छत चाहिए। राज्य में विकास परियोजनाओं के कारण पहले भी कई परिवारों को बेदखल किया गया है, लेकिन उस स्थिति में उनके लिए वैकल्पिक आवास की व्यवस्था की गई है। इसलिए इन 19 परिवारों को उम्मीद है कि सरकार इस बार भी मानवीय कदम उठाएगी।”
