नई दिल्ली २८ फरवरी : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जोर देकर कहा है कि सरकार आधुनिक बुनियादी ढांचे को बनाने के लिए प्रौद्योगिकी में भारी निवेश कर रही है। उन्होंने कहा कि डिजिटल क्रांति का लाभ समाज के प्रत्येक वर्ग तक पहुंचना चाहिए। प्रधानमंत्री ने क्षमता का सदुपयोग: प्रौद्योगिकी का उपयोग करते हुए जीवन में सुगमता लाना विषय पर बजट उपरांत वेबिनार को वीडियो संदेश के माध्यम से संबोधित करते हुए कहा कि पिछले कुछ वर्षों में हर बजट में हमारी सरकार ने प्रौद्योगिकी की सहायता से लोगों के जीवन को सुगम बनाने पर बल दिया है। प्रधानमंत्री ने पूर्ववर्ती सरकारों की प्राथमिकताओं में विरोधाभासों को रेखांकित करते हुए कहा कि विशेष क्षेत्र के लोगों ने हमेशा सरकार से हस्तक्षेप और अपने कल्याण की आशा की। उन्होंने कहा कि इन लोगों का पूरा जीवन अभाव में बीता। श्री मोदी ने कहा कि 21 वीं सदी का भारत अपने नागरिकों को प्रौद्योगिकी के माध्यम से लगातार सशक्त बना रहा है और लोग इस बदलाव को अनुभव भी कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि सरकार के प्रयास गरीबों और वंचितों के जीवन को बेहतर बना रहे हैं और आज लोग सरकार को बाधा नहीं बल्कि विकास के माध्यम के रूप में देखते हैं।
श्री मोदी ने कहा कि सरकार के बडे और महत्वपूर्ण निर्णयों का उल्लेख करते हुए कहा कि वन नेशन वन राशन कार्ड, जनधन-आधार-मोबाइल ट्रिनिटी, आरोग्य सेतु, कोविन ऐप, रेलवे आरक्षण और साझा सेवा केंद्र जैसी पहलों ने आम आदमी के जीवन को सुगम बनाया है। प्रधानमंत्री ने सरकार के साथ संचार माध्यमों के सरल बनने की प्रक्रिया पर जोर देते हुए कहा कि अब संवाद करना आसान हो गया है और लोगों को त्वरित समाधान मिल रहे हैं। उन्होंने आयकर प्रणाली से संबंधित शिकायतों के फेसलेस समाधान का उदाहरण दिया। प्रधानमंत्री ने 5जी और कृत्रिम बुद्धिमत्ता का उद्योग, चिकित्सा, शिक्षा और कृषि पर इनके प्रभाव का उल्लेख करते हुए कहा कि इनके लिए कुछ लक्ष्य निर्धारित करने की जरूरत है। उन्होंने उन उपायों के बारे में भी पूछा जिनके माध्यम से इन प्रौद्योगिकियों को आम नागरिकों के कल्याण के लिए उपयोग में लाया जा सकता है। प्रधानमंत्री ने नागरिक सेवाओं में सुधार के लिए अन्य देशों द्वारा अपनाई गई अच्छी प्रणालियों का मूल्यांकन करने को कहा। श्री मोदी ने कर्मयोगी मंच को लगातार अपडेट करने और उपयोगकर्ताओं से प्रतिक्रिया प्राप्त करने के लिए एक प्रणाली बनाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने यह भी कहा कि सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों को समर्थन देने के लिए पिछले कुछ वर्षों में कई कदम उठाए गए हैं।