नई दिल्ली ८ फेरबरी: केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि आत्मनिर्भर नए भारत में हिंसा और वामपंथी उग्रवाद के विचारों के लिए कोई जगह नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने इस दिशा में कतई बर्दाश्त न करने की नीति अपनाई है। केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कल नई दिल्ली में वामपंथी उग्रवाद पर गृह मंत्रालय की संसदीय सलाहकार समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए यह बात कही। गृह मंत्री ने कहा कि वामपंथी उग्रवाद से निपटने के लिए सरकार की नीति तीन मुख्य बिंदुओं पर आधारित है। ये हैं – उग्रवादी हिंसा पर कड़ाई से अंकुश लगाना, केंद्र और राज्यों के बीच बेहतर समन्वय और विकास में सार्वजनिक भागीदारी के जरिए वामपंथी उग्रवादियों को मिल रहे समर्थन को समाप्त करना। उन्होंने बताया कि पिछले आठ वर्षों में वामपंथी उग्रवाद पर नियंत्रण लगाने में ऐतिहासिक सफलता मिली है।
श्री शाह ने कहा कि लगभग चार दशकों के बाद पहली बार 2022 में नागरिकों और सुरक्षा बलों की मौत की संख्या सौ से भी कम हो गयी है। वामपंथी उग्रवाद से संबंधित हिंसक घटनाओं में 2010 की तुलना में 2022 में 76 प्रतिशत की कमी देखी गई। वामपंथी उग्रवाद प्रभावित जिलों की संख्या 90 से घटकर 45 हो गई है। सर्वाधिक वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित जिलों की संख्या अप्रैल 2018 में 35 से घटकर 30 और जुलाई 2021 में 25 हो गई। श्री शाह ने कहा कि गृह मंत्रालय वामपंथी उग्रवाद के वित्तीय स्रोतों को खत्म करके इसे पूरी तरह नष्ट करने के लिए संकल्पबद्ध है। उन्होंने बताया कि अगस्त 2019 से वामपंथी उग्रवाद प्रभावित जनजातीय बहुल खण्डों में एकलव्य स्कूल खोलने को प्राथमिकता दी जा रही है।