नई दिल्ली ०२ फरवरी: उद्योगों और निवेशकों ने केंद्रीय बजट 2023-24 को प्रगतिशील, विवेकपूर्ण और विकासोन्मुखी बताते हुए इसका स्वागत किया है। फिक्की के अध्यक्ष सुभ्रकांत पांडा ने कहा है कि भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। यह बजट न केवल देश के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि भारत को दुनिया का विकास इंजन बनाने की दिशा में एक कदम है।
सीआईआई के अध्यक्ष संजीव बजाज ने बजट को विकासोन्मुखी करार दिया। उन्होंने कहा, सार्वजनिक पूंजीगत व्यय में 33 प्रतिशत की वृद्धि से रोजगार सृजन में बढ़ावा मिलेगा।
एसोचैम के अध्यक्ष सुमंत सिन्हा ने कहा है कि इस बजट से व्यापार सुगमता को बढ़ावा मिलेगा और एमएसएमई क्षेत्र को मदद मिलेगी।
कांग्रेस ने कर कटौती से संबंधित केंद्रीय बजट घोषणा की सराहना की है। संसद के बाहर मीडिया से बात करते हुए पार्टी सांसद कार्ति चिदंबरम ने कहा कि कोई भी कर कटौती एक स्वागत योग्य कदम है। पार्टी सांसद शशि थरूर ने भी कहा कि केंद्रीय बजट में कुछ चीजें अच्छी हैं। हालांकि, उन्होंने कहा कि इसमें मनरेगा, बेरोजगारी और महंगाई का कोई जिक्र नहीं है।
कल संसद में बजट प्रस्तुत करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने सभी सरकारी एजेंसियों के डिजिटल सिस्टम के लिए पैन कार्ड को पहचान पत्र के रूप में उपयोग करने का प्रस्ताव दिया। इस कदम से केवाईसी प्रक्रिया सरल होगी और आयकर विभाग सहित अन्य सरकारी एजेंसियों के लिए पैन कार्ड धारकों के दस्तावेजों का प्रबंधन करना आसान होगा। सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना के परिव्यय को 66 प्रतिशत बढ़ाकर 79 हजार करोड़ रुपये से अधिक कर दिया है।
नव स्थापित इंफ्रास्ट्रक्चर वित्त सचिवालय मुख्य रूप से सार्वजनिक निवेश पर निर्भर रेलवे, सड़क, शहरी अवसंरचना और बिजली सहित बुनियादी ढांचे में निजी निवेश बढ़ाने के लिए सभी पक्षों की सहायता करेगा। अमृत काल के लिए उपयुक्त ढांचा हेतु वर्गीकरण और वित्तपोषण की सिफारिश करने के लिए एक विशेषज्ञ समिति द्वारा इन्फ्रास्ट्रक्चर की सामंजस्यपूर्ण मास्टर लिस्ट की समीक्षा की जाएगी। सरकार ने बुनियादी ढांचे में निवेश को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकारों को 50 साल के लिए ब्याज मुक्त ऋण को एक और वर्ष के लिए जारी रखने का फैसला किया है, जिसे बढ़ाकर एक दशमलव तीन लाख करोड़ रुपये कर दिया गया है।