नई दिल्ली, 11 फरवरी (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि भारत की सभ्यता में समुद्री संसाधन और जैव विविधता का बड़ा महत्व है और भारत चाहता है कि इसके संरक्षण के लिए इसी वर्ष कानूनी रूप से बाध्यकारी अंतरराष्ट्रीय संधि हो।
फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों की ओर से आयोजित ‘एक समुद्र शिखरवार्ता’ में अपने संबोधन में मोदी ने इस पहल के लिए राष्ट्रपति मैक्रों को बधाई दी और कहा कि भारत को इस पहल के जुड़कर प्रशंसा होगी।
प्रधानमंत्री ने ‘एकल उपयोग प्लास्टिक’ के उपयोग को खत्म करने की मुहिम का पुरजोर समर्थन किया। उन्होंने कहा कि उन्होंने भारतीय नौसेना से कहा है कि समुद्री क्षेत्र से प्लास्टिक और अन्य कचरा साफ करने के लिए 100 ‘शीप डे’ का अभियान चलायें।
प्रधानमंत्री ने भारत को एक समुद्री सभ्यता बताया और कहा कि हमारी प्राचीन वांग्मय में समुद्री संसाधनों को एक उपहार मानते हुए इसमें रहने वाले जीव-जंतुओं के संरक्षण पर जोर दिया गया है। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में समुद्री क्षेत्र सुरक्षा और समृद्धि का एक बड़ा आधार है।
मोदी ने समुद्री पर्यावरण और जैव विविधता के संरक्षण के लिए भारत की ओर से शुरू किए गए हिन्द प्रशांत समुद्री पहल का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि भारत के लाखों कार्यकर्ताओं ने समुद्र के किनारे वाले क्षेत्रों से प्लास्टिक एवं अन्य कचरा साफ करने का अभियान चलाया है। तीन लाख से अधिक लोगों ने 13 टन प्लास्टिक और कचरा साफ किया है।