यंगून, 27 अप्रैल (हि.स.)। म्यांमार में लोकतंत्र की बहाली के लिए नागरिकों का संघर्ष जारी है। आजादी और लोकतंत्र के लिए जनता और कार्यकर्ता सैन्य शासन के विरोध में बिना रूके असहयोग आंदोलन कर रहे हैं। आंदोलन को आगे बढ़ाते हुए जनता ने सैन्य सरकार को बिजली का बिल और कृषि कर्ज देने से मना कर दिया है। इसके साथ ही देश में तख्तापलट के बाद से सर्वोच्च जनरल के खिलाफ आजादी की आवाज बुलंद करते हुए बच्चों को स्कूल नहीं भेजने का भी आग्रह किया है।
म्यामांर के बड़े शहरों में रविवार को हर जगह विरोध प्रदर्शन देखने को मिला। इसके अगले ही दिन इंडोनेशिया में आसियान देशों के सम्मेलन में म्यांमार के वरिष्ठ जनरल मिंग ऑंग हैइंग ने एक करार किया था। लेकिन जुंटा प्रमुख ने बर्खास्त लोकतांत्रिक सरकार की नेता आंग सान सूकी समेत राजनीतिक कैदियों को रिहा करने की मांग पर ध्यान नहीं दिया। जुंटा ने मीडिया की आजादी छीनने के साथ ही कई पत्रकारों को भी कैद कर लिया है। इसके विरोध में म्यांमार की जनता ने भूख हड़ताल से लेकर असहयोग आंदोलन तक छेड़ रखा है। विरोध प्रदर्शन के साथ विदशी प्रतिबंधों के कारण म्यांमार की अर्थव्यवस्था पटरी से उतर गई है। हर सेक्टर में गिरावट देखने को मिल रहा है। सरकार अर्थव्यवस्था का ध्यार रखे या आंदोलनकारियों से निपटे। इसक कारण पूरे देश की आर्थिक गतिविधियां बुरी तरह से प्रभावित हुई है।