वाशिंगटन/यंगून 25 मार्च (हि. स.)। म्यांमार में लोकतांत्रिक सरकार का तख्ता पलटकर सैन्य शासन लागू करने के बाद विरोध प्रदर्शन का दौर जारी है। इसके विरोध में दुनिया भर से आवाज उठ रही हैं। इस बीच मिली जानकारी के अनुसार अमेरिका ने म्यांमार सेना से जुड़ी दो कंपनियों पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी शुरू की है। उधर, म्यामार की सेना ने बुधवार को 628 प्रदर्शनकारियों को रिहा कर दिया है।
जानकारी के अनुसार अमेरिकी सरकार, म्यांमार इकोनॉमिक कॉर्पोरेशन (एमईसी) और म्यांमार इकोनॉमिक होल्डिंग्स लिमिटेड (एमईएचएल) को ब्लैकलिस्ट कर अपने यहां उनकी संपत्तियों को फ्रीज कर सकती है।
इसके पहले अमेरिका और ब्रिटेन के साथ ही यूरोपीय संघ और कनाडा भी म्यांमार के सैन्य जनरलों पर प्रतिबंध लगा चुके हैं। लेकिन अभी सेना के व्यापारिक हितों को निशाना नहीं बनाया गया था। म्यांमार की अर्थव्यवस्था पर सेना का काफी नियंत्रण है। इसमें शराब और सिगरेट से लेकर दूरसंचार,खनन और रियल एस्टेट शामिल हैं।
म्यांमार में गत एक फरवरी को सेना ने तख्तापलट कर दिया था। नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी (एनएलडी) की सरकार को अपदस्थ करके सेना सत्ता पर काबिज हो गई। इस दौरान देश की सर्वोच्च नेता आंग सान सू की समेत कई अन्य नेताओं को हिरासत में ले लिया गया। सेना के इस कदम के खिलाफ पूरे देश में लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। प्रदर्शनकारियों पर बर्बर कार्रवाई भी हुई है।
तख्तापलट के खिलाफ हो रहे प्रदर्शनों को शांत करने के लिए सेना ने बुधवार को 628 प्रदर्शनकारियों को रिहा कर दिया। इन सभी को पिछले महीने हुए तख्तापलट का विरोध करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। म्यांमार के सरकारी टेलीविजन के मुताबिक यंगून की इनसिन जेल के रिहा किए गए प्रदर्शनकारियों से भरी बसों को देखा गया। वैसे तख्तापलट के बाद से सेना की कार्रवाई में 275 लोगों के मारे जाने की सूचना है। अब तक देशभर में 2 हजार,812 लोगों के गिरफ्तार किए जाने की बात कही गई है।