थाईलैंड में एयर मार्शल आशुतोष दीक्षित की महत्वपूर्ण रक्षा बैठक, इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में सहयोग के नए দিগंत का संदेश

बैंकॉक, 28 अगस्त: थाईलैंड में वार्षिक चीफ्स ऑफ डिफेंस कॉन्फ्रेंस 2025 का आयोजन हो रहा है, और इस अंतरराष्ट्रीय रक्षा मंच के इतर भारत के चीफ ऑफ इंटीग्रेटेड डिफेंस स्टाफ एयर मार्शल आशुतोष दीक्षित ने वियतनाम, दक्षिण कोरिया और यूनाइटेड किंगडम के शीर्ष सैन्य अधिकारियों के साथ कई महत्वपूर्ण बैठकें कीं।

आईडीएस मुख्यालय के सूत्रों के अनुसार, एयर मार्शल दीक्षित ने वियतनाम पीपुल्स आर्मी के डिप्टी चीफ ऑफ जनरल स्टाफ, लेफ्टिनेंट जनरल थाई दाई नगॉक; दक्षिण कोरिया के जॉइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ के वाइस एडमिरल कैंग डोंग गिल; और यूनाइटेड किंगडम के रॉयल नेवी के चीफ ऑफ द नेवल स्टाफ, जनरल सर ग्विन जेनकिंस के साथ बैठक की। इन बहुपक्षीय और द्विपक्षीय वार्ताओं में मुख्य रूप से रक्षा सहयोग का विस्तार, समुद्री सुरक्षा पर एक साथ काम करने की रणनीति, पेशेवर सैन्य आदान-प्रदान को मजबूत करना, और तकनीकी सहयोग व मानवीय सहायता एवं आपदा प्रबंधन जैसे नए साझेदारी क्षेत्रों पर जोर दिया गया।

आईडीएस मुख्यालय के एक्स (पूर्व में ट्विटर) हैंडल से दिए गए संदेश में कहा गया है, “इन बैठकों ने रणनीतिक संवाद को मजबूत किया है, पारस्परिक सहयोग के नए अवसर खोले हैं, और इंडो-पैसिफिक तथा उसके बाहर शांति और सुरक्षा बनाए रखने के लिए मिलकर काम करने की प्रतिबद्धता को दोहराया है।” इसके अलावा, एयर मार्शल दीक्षित ने अमेरिकी इंडो-पैसिफिक कमांड के कमांडर, एडमिरल सैमुअल पापारो के साथ एक महत्वपूर्ण द्विपक्षीय बैठक में भी हिस्सा लिया। दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग को बढ़ाने, संयुक्त परिचालन तैयारी और क्षेत्रीय सुरक्षा व स्थिरता बनाए रखने के तरीकों पर विस्तार से चर्चा हुई।

आईडीएस मुख्यालय ने इस संदर्भ में बताया, “इन वार्ताओं ने भारत-अमेरिका रक्षा संबंधों को और गहरा किया है और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में एक शांतिपूर्ण और नियम-आधारित सुरक्षा ढाँचा बनाने की आपसी प्रतिबद्धता को मजबूत किया है।” गौरतलब है कि सीएचओडीसी 2025 सम्मेलन 26 से 28 अगस्त तक बैंकॉक में आयोजित हो रहा है और इसका संयुक्त आयोजन यूएस इंडो-पैसिफिक कमांड और रॉयल थाई आर्म्ड फोर्सेस द्वारा किया गया है। यह सम्मेलन इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के लगभग सभी देशों के चीफ्स ऑफ डिफेंस को एक मंच पर लाया है, जहाँ वे समुद्री सुरक्षा, आतंकवाद विरोधी सहयोग, साइबर लचीलापन, मानवीय सहायता, आपदा प्रतिक्रिया और पूरे क्षेत्र की स्थिरता जैसे मुद्दों पर चर्चा कर रहे हैं।

रक्षा मंत्रालय के बयान के अनुसार, इस सम्मेलन के माध्यम से भाग लेने वाले देशों के बीच संयुक्त तैयारी, इंटरऑपरेबिलिटी और रणनीतिक साझेदारी और भी मजबूत होगी। एयर मार्शल दीक्षित की उपस्थिति और सक्रिय राजनयिक भागीदारी भारत की तरफ से इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में एक स्वतंत्र, समावेशी और नियम-आधारित अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा व्यवस्था बनाने का स्पष्ट संदेश देती है। यह दौरा और वार्ताएँ भारतीय रक्षा नीति में बहुपक्षीय सहयोग पर दिए जा रहे जोर का प्रमाण हैं, जो भविष्य में क्षेत्रीय और वैश्विक सुरक्षा ढांचे को और मजबूत करने में सहायक होगा।