जम्मू-कश्मीर: भारी बारिश से रेल और संचार व्यवस्था ठप, 22 ट्रेनें रद्द, 6 जिलों में शैक्षणिक संस्थान बंद

जम्मू/कश्मीर, 27 अगस्त: जम्मू-कश्मीर क्षेत्र में पिछले कई दशकों की सबसे भीषण बारिश से जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। उत्तर रेलवे के अनुसार, कटरा, उधमपुर और जम्मू से चलने वाली और वहां पहुंचने वाली 22 ट्रेनें रद्द कर दी गई हैं, जबकि 27 अन्य को छोटे रूट पर रोक दिया गया है। यह फैसला प्राकृतिक आपदा और यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। रद्द की गई ट्रेनों में से 9 कटरा से थीं—जो वैष्णोदेवी मंदिर के बेस कैंप के रूप में जाना जाता है—2 उधमपुर से और 1 जम्मू से चलने वाली थी। इसके अलावा, कटरा, उधमपुर और जम्मू जाने वाली कई ट्रेनें भी रद्द कर दी गई हैं।

जम्मू-कश्मीर में भारी बारिश के कारण पुल ढह गए हैं, सड़कें टूट गई हैं और कई इलाके जलमग्न हो गए हैं, जिससे हजारों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। जम्मू शहर में सिर्फ 38 घंटों में 380 मिलीमीटर से ज़्यादा बारिश दर्ज की गई, जो कई दशकों में सबसे ज़्यादा है।

हालांकि, इस बीच बुधवार से जम्मू से ट्रेन सेवाएं आंशिक रूप से फिर से शुरू हो गई हैं। जम्मू डिवीजन के जनसंपर्क अधिकारी ने बताया कि छह ट्रेनें—जिनमें से तीन पहले रद्द थीं और तीन बीच रास्ते में रोकी गई थीं—आज अपने गंतव्य के लिए रवाना हुईं। इन ट्रेनों में जम्मू तवी-कामाख्या एक्सप्रेस, जम्मू-संबलपुर, जम्मू-अंबेडकर नगर, जम्मू-वाराणसी, जम्मू-बांद्रा और जम्मू-छपरा शामिल हैं। हालांकि, रेलवे अधिकारियों ने बताया कि कटरा-श्रीनगर रूट पर ट्रेन सेवाएं अभी भी जारी हैं।

इस बीच, कश्मीर घाटी में लगातार बिगड़ते मौसम के कारण, प्रशासन ने अनंतनाग, कुलगाम, पुलवामा, शोपियां, बडगाम और श्रीनगर—इन छह जिलों के सभी स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों को आज बंद रखने का निर्देश दिया है। भारतीय मौसम विभाग द्वारा अगले कुछ दिनों तक भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना के मद्देनजर यह एहतियाती कदम उठाया गया है।

इसके अलावा, संभागीय आयुक्त कार्यालय ने बताया कि कल दोपहर से कश्मीर घाटी के लगभग सभी हिस्सों में मोबाइल और लैंडलाइन सेवाएं पूरी तरह से बंद हो गई हैं। संबंधित एजेंसियां इन सेवाओं को बहाल करने के लिए काम कर रही हैं, लेकिन भारी बारिश और भूस्खलन के कारण अभी तक यह संभव नहीं हो पाया है। साथ ही, जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर वाहनों की आवाजाही आज दूसरे दिन भी पूरी तरह से बंद है।

प्रशासन ने बताया है कि स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है और लोगों को आपातकालीन स्थिति में ही बाहर निकलने, सतर्क रहने और मौसम विभाग के दिशानिर्देशों का पालन करने की सलाह दी गई है। राहत और बचाव कार्य पहले ही शुरू हो चुके हैं, और जिला प्रशासन, पुलिस, एसडीआरएफ और सेना मिलकर काम कर रहे हैं। हालांकि, फिलहाल पूरे क्षेत्र में आपदा की स्थिति बनी हुई है और स्थिति सामान्य होने में कुछ और दिन लग सकते हैं।