भारतीय रक्षा ‘सुदर्शन चक्र’ होगी आयरन डोम जैसी, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान ने किया खुलासा

महू, 26 अगस्त: भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने बताया कि भारत अपनी खुद की आयरन डोम जैसी रक्षा प्रणाली ‘सुदर्शन चक्र’ विकसित करेगा। यह प्रणाली देश की महत्वपूर्ण सैन्य, नागरिक और राष्ट्रीय महत्व की इमारतों और ठिकानों को सुरक्षा प्रदान करेगी। जनरल चौहान ने कहा कि यह रक्षा प्रणाली “ढाल और तलवार” दोनों के रूप में काम करेगी।

मध्य प्रदेश के आर्मी वॉर कॉलेज में दो दिवसीय त्रि-सेना संवाद ‘रण संवाद-2025’ के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए जनरल चौहान ने कहा कि इस प्रणाली में दुश्मन के हवाई हमलों को पहचानने, ट्रैक करने और उन्हें नष्ट करने के लिए एक मजबूत ढाँचा और प्रक्रिया तैयार की जाएगी। उन्होंने इस कार्य के लिए सॉफ्ट और हार्ड स्किल्स दोनों के तालमेल पर ज़ोर दिया।

जनरल चौहान ने आगे कहा कि हाल ही में हुए ‘ऑपरेशन सिंधु’ से कई महत्वपूर्ण सबक मिले हैं, जिनमें से कुछ को पहले ही लागू कर दिया गया है और बाकी को जल्द ही लागू किया जाएगा।

भारत के शांतिप्रिय स्वभाव पर बात करते हुए उन्होंने कहा, “भारत एक शांतिप्रिय देश है, लेकिन शक्ति के बिना शांति एक काल्पनिक विचार है।”

तकनीक की बढ़ती भूमिका पर प्रकाश डालते हुए जनरल चौहान ने कहा कि भविष्य के युद्धों में सेना की अलग-अलग सीमाएँ अब प्रासंगिक नहीं रहेंगी, बल्कि ये संयुक्त और त्वरित प्रतिक्रिया पर आधारित होंगी।

उन्होंने ‘आत्मनिर्भर भारत’ के महत्व पर भी ज़ोर दिया और कहा कि रक्षा क्षेत्र में घरेलू उत्पादन, एकीकृत लॉजिस्टिक्स सपोर्ट, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, साइबर और क्वांटम तकनीक का मिश्रण भारत की सैन्य क्षमताओं को और मज़बूत करेगा।

रक्षा प्रमुख ने उम्मीद जताई कि ‘सुदर्शन चक्र’ के ज़रिए भारत की रक्षा प्रणाली नई ऊँचाइयों को छुएगी।