नई दिल्ली, 25 अगस्त: केंद्रीय संचार और ग्रामीण विकास राज्य मंत्री, चंद्रशेखर पेम्मासानी ने कहा कि देश में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) क्रांति शुरू हो गई है और इसकी प्रगति में भारत महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण टेलीफोन प्रणाली से लेकर आज की 5जी, ऑप्टिकल फाइबर और क्वांटम-सुरक्षित संचार प्रौद्योगिकी तक भारत की यह यात्रा अभूतपूर्व है।
शनिवार को दिल्ली में सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ टेलीमैटिक्स (सी-डॉट) के 42वें स्थापना दिवस पर बोलते हुए, मंत्री ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत अभियान की भूमिका आज पहले से कहीं अधिक है। उन्होंने सी-डॉट द्वारा पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक से निर्मित 4जी और 5जी नेटवर्क की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि यह तकनीक पहले ही एक लाख से अधिक बीएसएनएल टावरों में सफलतापूर्वक उपयोग की जा चुकी है। उन्होंने इस सफलता को कम समय और कम लागत में भारत की तकनीकी क्षमता का प्रमाण भी बताया।
मंत्री ने आगे कहा, “सी-डॉट अब सिर्फ एक संस्था नहीं है, यह भारत के लिए गर्व का विषय है, जो भविष्य में नवाचार का मंदिर बनेगा और पूरी दुनिया के लिए एक रोल मॉडल के रूप में उभरेगा।”
एक विशेष साक्षात्कार में, सी-डॉट के सीईओ राजकुमार उपाध्याय ने कहा कि 1984 में स्थापित सी-डॉट ने देश के ग्रामीण क्षेत्रों में स्वचालित टेलीफोन एक्सचेंज स्थापित करके दूरसंचार क्रांति लाई थी। उन्होंने कहा कि वर्तमान में यह संस्थान साइबर सुरक्षा, कृत्रिम बुद्धिमत्ता और क्वांटम प्रौद्योगिकी जैसे अत्याधुनिक क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
विशेषज्ञों का मानना है कि सी-डॉट की यह प्रगति प्रौद्योगिकी-आधारित नए भारत का खाका तैयार कर रही है, जो आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम है।
