भारत का पहला मानव अंतरिक्ष मिशन ‘गगनयान’ पूरी तरह से तैयार: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह

नई दिल्ली, २४ अगस्त: भारत के पहले मानव अंतरिक्ष मिशन ‘गगनयान’ को लेकर एक बड़ी घोषणा हुई है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज कहा कि भारत अपने पहले मानव अंतरिक्ष मिशन ‘गगनयान’ के लिए पूरी तरह से तैयार है। नई दिल्ली में आयोजित ‘गगनयान’ मिशन के गगनयात्रियों के सम्मान समारोह में राजनाथ सिंह ने यह बात कही।

इस अवसर पर राजनाथ सिंह ने कहा, “यह सिर्फ एक तकनीकी सफलता नहीं है, बल्कि आत्मनिर्भर भारत की यात्रा में एक नया अध्याय है।”

सम्मान समारोह में गगनयान मिशन के लिए चुने गए चारों गगनयात्रियों—ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला, प्रशांत बालकृष्णन नायर, अजीत कृष्णन और अंगद प्रताप—को सम्मानित किया गया। इस दौरान रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत सिर्फ उपग्रह भेजने तक ही सीमित नहीं है, बल्कि अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में विश्व के सामने अपनी क्षमताओं को साबित कर रहा है।

उन्होंने आगे कहा, “चंद्रमा से लेकर मंगल तक, भारत ने पहले ही अंतरिक्ष में अपनी उपस्थिति मजबूत कर ली है। भारत अंतरिक्ष को केवल अनुसंधान का क्षेत्र नहीं मानता, बल्कि इसे अर्थव्यवस्था, सुरक्षा, ऊर्जा और मानवता के भविष्य से जोड़कर देखता है।”

इस अवसर पर, राजनाथ सिंह ने ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला की प्रशंसा करते हुए कहा कि जहाँ आमतौर पर अंतरिक्ष प्रशिक्षण पूरा करने में ढाई साल लगते हैं, वहीं शुभांशु शुक्ला ने यह प्रशिक्षण सिर्फ ढाई महीने में पूरा किया। रक्षा मंत्री के अनुसार, यह उपलब्धि न केवल उनकी व्यक्तिगत प्रतिभा का प्रमाण है, बल्कि भारतीयों की कड़ी मेहनत और योग्यता को भी दर्शाती है।

‘गगनयान’ मिशन के माध्यम से भारत पहली बार अपनी तकनीक का उपयोग करके अंतरिक्ष में मानव को भेजने जा रहा है। यदि यह मिशन सफल होता है, तो भारत दुनिया का चौथा ऐसा देश बन जाएगा, जो अपनी क्षमता से अंतरिक्ष में मानव को भेजने में सक्षम है।