लोकसभा में आएगा ‘जन विश्वास 2.0’ बिल: पहली बार गलती पर जुर्माना नहीं, मिलेगा ‘विकास नोटिस’

नई दिल्ली, 17 अगस्त: केंद्र सरकार सोमवार को लोकसभा में ‘जन विश्वास (प्रावधान संशोधन) विधेयक, 2025’ पेश करने जा रही है। यह विधेयक कई कानूनों के सैकड़ों प्रावधानों में बदलाव करने के साथ-साथ एक नया कॉन्सेप्ट लेकर आया है, जिसके तहत पहली बार गलती करने पर जुर्माना नहीं बल्कि ‘विकास नोटिस’ दिया जाएगा। इस विधेयक को पहले ही केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी मिल चुकी है और इसका उद्देश्य देश के प्रशासन में विश्वास-आधारित शासन स्थापित कर नागरिकों और व्यवसायों के लिए प्रक्रियाओं को आसान बनाना है।

विधेयक में प्रावधान है कि पहली बार कोई गलती होने पर सीधे जुर्माना नहीं लगाया जाएगा, बल्कि संबंधित व्यक्ति को एक निश्चित समय सीमा के भीतर अपनी गलती सुधारने का मौका दिया जाएगा। दूसरी बार गलती करने पर वही जुर्माना लगाया जाएगा और उसके बाद की गलतियों पर जुर्माना बढ़ाया जाएगा, लेकिन यह एक निश्चित अधिकतम सीमा के भीतर होगा। यह ‘सूचित करें-सुधार करें-फिर जुर्माना’ मॉडल जन विश्वास 1.0 की ‘पहली बार पकड़े जाने पर जुर्माना’ की नीति में बदलाव है, जिससे व्यापार और जीवनयापन में आसानी होने की उम्मीद है।

2023 के जन विश्वास अधिनियम में 180 से अधिक प्रावधानों से आपराधिक दंड हटा दिए गए थे। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पहले बताया था कि इस विधेयक के माध्यम से 100 से अधिक और प्रावधानों में ऐसे संशोधन किए जाएंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर कहा था कि देश में कई अनावश्यक कानून हैं जो छोटी-छोटी गलतियों के लिए लोगों को जेल भेजते हैं, और उन्हें खत्म करना जरूरी है।

यह गौरतलब है कि फूड कॉर्पोरेशन अधिनियम और भारतीय वन अधिनियम जैसे कई कानूनों में पहले ही कठोर दंड के प्रावधानों को हटाकर केवल जुर्माना रखने जैसे कदम उठाए गए हैं। इस नए विधेयक के माध्यम से सरकार प्रशासनिक प्रक्रियाओं को और अधिक मानवीय और प्रभावी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाने जा रही है।