नई दिल्ली, 6 अगस्त: कांग्रेस नेता राहुल गांधी को बुधवार को झारखंड की एक अदालत से 2018 के मानहानि मामले में जमानत मिल गई। यह मामला केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को लेकर उनके बयानों से संबंधित था। इसी बीच, कल यानी 7 अगस्त को दिल्ली में विपक्षी I.N.D.I.A. गठबंधन की एक महत्वपूर्ण बैठक होने जा रही है, जिसका मौजूदा राजनीतिक परिदृश्य में काफी महत्व है।
2018 में झारखंड के चाईबासा में एक चुनावी जनसभा में राहुल गांधी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को लेकर एक विवादित टिप्पणी की थी। इसी टिप्पणी को लेकर प्रताप कुमार नामक एक व्यक्ति ने उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया था।
इस साल 2 जून को, राहुल गांधी ने मामले की सुनवाई के लिए एक विशेष अदालत द्वारा जारी समन को चुनौती देते हुए झारखंड हाईकोर्ट का रुख किया। उनके वकील ने अदालत को बताया कि वह 26 जून को पेश नहीं हो सकते हैं और इसके बजाय 6 अगस्त को पेश होने की अनुमति मांगी। अदालत ने उनके अनुरोध को स्वीकार कर लिया। 6 अगस्त को अदालत में पेश होने के बाद उन्हें जमानत मिल गई।
इस घटना के बाद से दिल्ली में विपक्षी राजनीतिक दलों की गतिविधियां बढ़ गई हैं। शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) के सांसद संजय राउत और कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने पुष्टि की है कि 7 अगस्त को कांग्रेस नेता राहुल गांधी के आवास पर विपक्षी I.N.D.I.A. गठबंधन के शीर्ष नेता बैठक करेंगे।
इस बैठक में देश की हालिया राजनीतिक स्थिति, खासकर बिहार में मतदाता सूची के ‘विशेष गहन पुनरीक्षण’, जम्मू-कश्मीर के पहलगाम हमले, ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और प्रधानमंत्री मोदी के हालिया बयानों पर चर्चा होगी।
शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) के नेता संजय राउत ने एक इंटरव्यू में कहा, “प्रधानमंत्री मोदी विभिन्न जनसभाओं और इंटरव्यू में बार-बार झूठ बोल रहे हैं। I.N.D.I.A. गठबंधन इस झूठ के खिलाफ एक मजबूत राजनीतिक संदेश और रणनीति बनाने जा रहा है।”
उन्होंने आगे कहा, “बैठक में हम राज्य चुनावों के लिए एक सामूहिक रणनीति तय करेंगे और मोदी सरकार के खिलाफ जनमत तैयार करने के लिए प्रचार की रूपरेखा बनाएंगे।”
अप्रैल में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम इलाके में हिंदू तीर्थयात्रियों पर एक आतंकवादी हमला हुआ था, जिसने पूरे देश में तीखी प्रतिक्रियाएं पैदा की थीं। इस घटना के बाद मई में, भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ चलाया, जिसका उद्देश्य पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में आतंकवादी ठिकानों को नष्ट करना था।
संजय राउत ने बताया कि I.N.D.I.A. गठबंधन की बैठक में इस हमले के पीछे के कारणों, सरकार की प्रतिक्रिया और भविष्य की सुरक्षा रणनीति पर भी चर्चा होगी। हालांकि, बीजेपी ने इस मुद्दे पर विपक्ष की कड़ी आलोचना की है।
बीजेपी विधायक राम कदम ने कहा, “शिवसेना नेता दिल्ली के एसी कमरों में बैठकर राजनीति कर रहे हैं, लेकिन क्या हम उन लोगों को भूल जाएंगे जिन्होंने अपनी असली जिंदगी में अपना सिंदूर खोया है? ऐसी त्रासदियों को राजनीतिक हथियार बनाना बेहद निंदनीय है।”
बिहार में चल रही मतदाता सूची के विशेष संशोधन प्रक्रिया पर भी विपक्ष ने कड़ी आपत्ति जताई है। उनका दावा है कि इस प्रक्रिया के समय और पारदर्शिता को लेकर गंभीर सवाल उठाए गए हैं, खासकर जब राज्य में विधानसभा चुनाव नजदीक हैं।
कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने कहा, “हम संसद में इस मुद्दे पर पूरी चर्चा चाहते हैं। चुनाव आयोग को पारदर्शिता सुनिश्चित करनी चाहिए। I.N.D.I.A. गठबंधन लोगों के मताधिकार की रक्षा के लिए अपनी लड़ाई जारी रखेगा।”
शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) के प्रमुख उद्धव ठाकरे 6 अगस्त को ही दिल्ली पहुंच चुके हैं। वह 8 अगस्त तक राजधानी में रहेंगे। इस दौरे के तहत वह I.N.D.I.A. गठबंधन की बैठक में भाग लेंगे और संसद भवन में शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) के नए संसदीय कार्यालय का उद्घाटन करेंगे। इसके अलावा, वह अन्य विपक्षी नेताओं के साथ भी अलग-अलग बैठकें करेंगे।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि 7 अगस्त की बैठक न केवल I.N.D.I.A. गठबंधन की भविष्य की रणनीति तय करेगी, बल्कि यह देश के राजनीतिक भविष्य का एक निर्णायक अध्याय भी बन सकती है। एक तरफ बीजेपी सरकार सत्ता बनाए रखने के लिए हर संभव कोशिश कर रही है, वहीं विपक्षी गठबंधन लोगों का भरोसा जीतने और एक वैकल्पिक राजनीतिक ढांचा खड़ा करने के लिए एकजुट होना चाहता है।
इस स्थिति में, राहुल गांधी की जमानत, पहलगाम हमला, बिहार की मतदाता सूची का मुद्दा और प्रधानमंत्री के विवादित बयान – सब मिलकर आने वाले दिनों की राजनीति में एक नए ध्रुवीकरण की संभावना पैदा कर रहे हैं।
सबसे बड़ा सवाल यह है कि I.N.D.I.A. गठबंधन इन सभी मुद्दों का उपयोग करके सरकार के खिलाफ एक प्रभावी विपक्ष कैसे बन सकता है, और देश के मतदाता इस प्रयास का कितना समर्थन करेंगे।
