अगरतला, 5 अगस्त: लक्ष्मीनारायण बाड़ी मंदिर में आज से झूलन जात्रा उत्सव शुरू हो गया है। पुजारी ने बताया कि इस दिन श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। यह परंपरा राजसी काल से चली आ रही है। लक्ष्मीनारायण बाड़ी मंदिर में यह पूजा राज्य के लोगों के कल्याण के लिए की जाती है।
संयोग से, झूलन जात्रा या झूलन पूर्णिमा हिंदुओं के महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। यह उत्सव अमावस्या की एकादशी से शुरू होकर श्रावण पूर्णिमा तक चलता है। डोल पूर्णिमा के बाद यह वैष्णवों का सबसे बड़ा उत्सव है। डोलना, भक्ति गीत, नृत्य, इन सब के साथ यह राधा कृष्ण के प्रेम जीवन का एक विशेष उत्सव है।
भारत के इस उत्सव में देश-विदेश से कई पर्यटक आते हैं। नवद्वीप में झूलन उत्सव एक विशेष आकर्षण है। वृंदावन, मथुरा और इस्कॉन मंदिरों में यह झूलन बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। यह त्यौहार आमतौर पर श्रावण मास में मनाया जाता है। कई लोगों के मन में बचपन में पेड़ की टहनी पर झूला झूलने की यादें ताज़ा होती हैं। आज भी बच्चों को ऐसे झूलों पर झूलते देखा जा सकता है। ‘झूलन’ राधा-कृष्ण की बाल लीलाओं की ऐसी ही एक याद है।
