जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का निधन, 79 वर्ष की आयु में ली अंतिम सांस

नई दिल्ली, 5 अगस्त: जम्मू और कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का निधन हो गया है। मंगलवार दोपहर करीब 1 बजे नई दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली। वे 79 वर्ष के थे और कुछ समय से अस्वस्थ चल रहे थे, जिसके कारण उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

सत्यपाल मलिक का राजनीतिक जीवन लंबा और घटनापूर्ण रहा है। उन्होंने बिहार, गोवा, मेघालय और विशेष रूप से जम्मू-कश्मीर जैसे कई राज्यों के राज्यपाल के रूप में कार्य किया। हालांकि, उनका सबसे महत्वपूर्ण कार्यकाल जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल के रूप में 2018 से 2019 तक रहा। इसी दौरान संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया गया था।

वह उस समय प्रशासन का चेहरा थे, जब कश्मीर से विशेष दर्जा वापस लेकर उसे केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया था। इस कारण वह देश के राजनीतिक इतिहास में एक महत्वपूर्ण व्यक्ति के रूप में पहचाने जाते रहेंगे।

सत्यपाल मलिक सिर्फ एक प्रशासनिक अधिकारी नहीं थे, बल्कि एक बेबाक राजनेता के रूप में भी जाने जाते थे। उन्होंने विभिन्न राष्ट्रीय मुद्दों पर खुलकर अपनी राय व्यक्त की, जिसके कारण वह अक्सर राजनीतिक विवादों का हिस्सा भी रहे। किसान आंदोलन, सुरक्षा मुद्दे और प्रशासनिक पारदर्शिता जैसे कई विषयों पर उन्होंने अपनी बात रखने में कोई संकोच नहीं किया।

उनके निधन से देश के राजनीतिक हलकों में शोक की लहर दौड़ गई है। विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने उनके प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की है। एक्स (पूर्व में ट्विटर) और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर उनके योगदान को याद करते हुए शोक व्यक्त किया जा रहा है। प्रधानमंत्री से लेकर राज्यों के मुख्यमंत्रियों तक ने उनके राजनीतिक जीवन की सराहना की है और उनके परिवार के प्रति संवेदनाएं व्यक्त की हैं।

सत्यपाल मलिक के निधन से भारतीय राजनीति ने एक अनुभवी और वरिष्ठ नेता को खो दिया है। उनकी प्रशासनिक दक्षता, स्पष्टवादिता और विवादों के बीच भी अपनी बात पर कायम रहने की क्षमता उन्हें सबसे अलग बनाती थी। देश उनके योगदान को लंबे समय तक याद रखेगा।