नई दिल्ली २६ फरवरी : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि यूक्रेन में संघर्ष की स्थिति उत्पन्न होने के समय से ही भारत इस विवाद को बातचीत और कूटनीति से सुलझाने पर बल देता रहा है। जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज के साथ कल नई दिल्ली में वार्ता के बाद प्रेस वक्तव्य में श्री मोदी ने कहा कि भारत किसी भी शांति प्रक्रिया में योगदान के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि कोविड महामारी और यूक्रेन संघर्ष का पूरी दुनिया और खासकर विकासशील देशों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है और भारत ने इस संबंध में अपनी चिंताएं प्रकट की हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत और जर्मनी दोनों इस बात पर सहमत हैं कि ये समस्याएं साझा प्रयास से ही और यहां तक कि जी-20 के भारत के अध्यक्ष रहने के दौरान भी सुलझाई जा सकती हैं। उन्होंने यह भी कहा कि बहु-पक्षीय संस्थाओं में सुधार की आवश्यकता है ताकि ये संस्थाएं वैश्विक वास्तविकताओं का बेहतर तरीके से प्रतिनिधित्व कर सकें। प्रधानमंत्री ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् में सुधार के लिए जी-फोर में भारत की सक्रिय भागीदारी इसी का परिणाम है। प्रधानमंत्री ने कहा कि मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत पहल से उत्पन्न अवसरों में जर्मनी की दिलचस्पी भारत के लिए उत्साहवर्धक है।
श्री मोदी ने कहा कि चांसलर शोल्ज भारत और जर्मनी के बीच सहयोग की संभावनाओं से अवगत हैं। दोनों नेताओं ने कल आपसी हित के मुद्दों पर चर्चा की।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत और जर्मनी के संबंध साझा लोकतांत्रिक मूल्यों और एक-दूसरे के हितों की समझ पर आधारित हैं। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक और आर्थिक आदान-प्रदान का एक लंबा इतिहास रहा है। श्री मोदी ने कहा कि भारत और जर्मनी लोकतांत्रिक अर्थव्यवस्था वाले दो सबसे बड़े देश हैं और दोनों देशों के बीच बढ़ते सहयोग से, तनावों से घिरे विश्व समुदाय को भी सकारात्मक संदेश जाएगा।
दोनों नेताओं ने पिछले वर्ष मई में हुए छठे अंतर-सरकारी परामर्श के मुख्य परिणामों के मामले में हुई प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने रक्षा और आर्थिक सहयोग, प्रतिभाओं की आवाजाही और विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में साझा प्रयास बढ़ाने के तौर-तरीकों पर भी चर्चा की।
पिछले एक वर्ष में यह दोनों नेताओं की चौथी मुलाकात है, जिससे दोनों देशों के बेहतर होते संबंधों का पता चलता है।
जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज़ कल भारत की दो दिन की यात्रा पर नई दिल्ली पहुंचे। उनके साथ वरिष्ठ अधिकारियों और व्यापारियों का उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी है। दोनों नेताओं ने प्रमुख उद्यमियों और मुख्य कार्यकारी अधिकारियों के साथ भी बातचीत की।