नई दिल्ली ,१४ फेरबरी: बेंगलुरु में रक्षा मंत्रियों के सम्मेलन में बोलते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत सुरक्षा मामले को हल करने के लिए पुराने तरीकों में विश्वास नहीं करता है। रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत सभी देशों को समान भागीदार मानता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि अमीर, सैन्य या तकनीकी रूप से अधिक उन्नत राष्ट्रों को अपनी बात दूसरे राष्ट्रों पर थोपने का अधिकार नहीं है। रक्षा मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि भारत मित्र राष्ट्रों के साथ व्यापक रक्षा साझेदारी चाहता है। ऐसी साझेदारी जो राष्ट्रीय प्राथमिकताओं और क्षमताओं के अनुकूल हो। उन्होंने कहा कि भारत अन्य देशों के साथ निर्माण और विकास को आगे बढ़ाना चाहता है। उन्होंने कहा कि भारत का प्रयास क्रेता और विक्रेता संबंध को एक सह विकास और सह-उत्पादन मॉडल से आगे बढ़ाना है।
श्री सिंह ने कहा कि विकास और समृद्धि के लिए सामूहिक सुरक्षा आवश्यक है। उन्होंने जोर देकर कहा कि आतंकवाद, अवैध हथियारों का व्यापार, मादक पदार्थों की तस्करी और मानव तस्करी जैसे मुद्दे पूरी दुनिया की सुरक्षा के लिए खतरा है। रक्षा मंत्री ने कहा कि वर्तमान में तेजी से हो रहे बदलावों को देखते हुए राष्ट्रों के बीच वास्तविक समय आधार पर सहभागिता की आवश्यकता है। आज बेंगलुरु में रक्षा मंत्रियों के सम्मेलन में श्री सिंह ने कहा कि पूर्व में परिस्थितियों में बदलाव की गति बहुत धीमी थी और इसका ज्यादातर प्रभाव स्थानीय था। उन्होंने कहा कि आज, अर्थव्यवस्था, सुरक्षा, स्वास्थ्य और जलवायु के क्षेत्र में किसी भी बड़े बदलाव का वैश्विक असर होता है।
रक्षा मंत्री ने कहा कि जब किसी क्षेत्र की शांति और सुरक्षा को खतरा होता है, तो पूरी दुनिया इसके प्रभाव को कई तरह से महसूस करती है। उन्होंने स्पष्ट किया कि एक दूसरे से जुड़ी और नेटवर्क आधारित दुनिया में किसी भी तरह के टकराव और उपद्रव से कोई भी देश अछूता नहीं रह सकता। रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत नियम आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था है। उन्होंने आगे कहा कि भारत ने हमेशा दुनिया भर से नए विचारों का स्वागत किया है। श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि एयरो इंडियाएयरोस्पेस उद्योग सहित विमानन और रक्षा उद्योग को अपने उत्पादों, प्रोद्यदोगिकी और क्षमताओं को प्रदर्शित करने का अवसर प्रदान करता है।