6,000 रुपये की वित्तीय सहायता देने की घोषणा की है।
संयोग से, त्रिपुरा के लोगों का विकास नहीं हुआ है, ये दाबा करते हुए तिपरा मोथा जमके निशान साध रहे है। प्रद्योत किशोर ने संवैधानिक अधिकारों की मांग करने वाले अभियान को एक अलग रंग दी है। उनकी टीम के मेनिफेस्टो में भी एक बड़ा सरप्राइज रखा गया है। लेकिन, आज भाजपा के घोषणापत्र में राजनीतिक गलियारों को लगता है कि तिपरा मोथा को चुनाव में ठोकर खानी पड़ेगी।
भाजपा के प्रस्ताव में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि यह ऐतिहासिक स्थायी राजनीतिक समाधान त्रिपुरा की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता को बनाए रखते हुए सभी संवैधानिक, कानूनी, कार्यकारी और प्रशासनिक उपायों को अपनाकर एक निश्चित अवधि के भीतर प्राप्त किया जाएगा। इतना ही नहीं, 125वें संविधान संशोधन विधेयक में दल-बदल विरोधी कानून के प्रावधानों को सुनियोजित तरीके से लागू किया जाएगा।इसी तरह, भाजपा ने समग्र उत्थान के उद्देश्य से एडीसी क्षेत्रों की आबादी के अनुपात में बजट आवंटित करने और समय-समय पर धन हस्तांतरित करने का निर्णय लिया है। साथ ही परिषद को केंद्र की परियोजनाओं से संबंधित प्रस्ताव सीधे केंद्र सरकार को भेजने का अधिकार होगा। साथ ही राजनीतिक पर्यवेक्षकों का दावा है कि बीजेपी ने प्रस्ताव में कई अन्य मुद्दों को शामिल कर मास्टर स्ट्रोक दिया है।