नई दिल्ली ७ फरवरी: तुर्किए और सीरिया में भीषण भूकंप के बाद मृतकों की संख्या चार हजार से अधिक हो गई है। इन क्षेत्रों में हजारों लोग घायल हुए हैं जबकि सैकड़ों लोगों के अभी भी मलबे में फंसे होने की आशंका है। तुर्किए और सीरिया के शहरों में बचाव दल मलबों की तलाशी कर रहे हैं और माना जा रहा है कि मृतकों की संख्या बढ़ सकती है।
दोनों देशों में कल सात दशमलव आठ तीव्रता का भूकंप उस समय आया जब सभी लोग सो रहे थे। 1939 के बाद तुर्किए में यह सबसे भयानक त्रासदी है। तुर्किए, सीरिया, लेबनान, साइप्रस और इजराइल में करोड़ो लोगों ने भूकंप के झटके महसूस किए। सुदूर डेनमार्क और ग्रीनलैंड में भी इस शक्तिशाली भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप प्रभावित क्षेत्रों में तलाशी अभियान और राहत कार्यों के लिए बहुत से देशों ने मदद का हाथ बढ़ाया है। भारत, संयुक्त अरब अमीरात, यूरोपीय संघ और इजराइल सहित पूरे विश्व से सहायता की पेशकश की गई है।
राहत सामग्री और राष्ट्रीय आपदा मोचन दल के जवानों को लेकर पहला भारतीय विमान सी-17 तुर्किए पहुंच गया है। तुर्किए के अदाना पहुंचे इस विमान में राष्ट्रीय आपदा मोचन दल के तलाशी और बचाव दल के जवान, विशेष रूप से प्रशिक्षित कुत्तों के दस्ते, खुदाई की मशीनें, राहत सामग्री, दवाएं और अन्य आवश्यक सामान तथा उपकरण भेजे गए हैं। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ट्वीट में कहा है कि एक और विमान तुर्किए रवाना होने के लिए तैयार हो रहा है। भूकंप प्रभावित तुर्किए में हर संभव सहायता प्रदान करने के प्रधानमंत्री के निर्देश के बाद वहां राहत सामग्री के साथ तलाशी और राहत दलों को तत्काल भेजने का निर्णय लिया गया। राहत के लिए यह कदम तुर्किए सरकार से समन्वय के साथ उठाए जा रहे हैं।