30HNAT52 दुखद है श्रीलंका में हिन्दुओं के साथ हो रहा दुर्व्यवहार : अरुण उपाध्याय
नई दिल्ली, 30 सितंबर (हि.स.)। हिंदू संघर्ष समिति ने आरोप लगाया है कि श्रीलंका में तमिल हिन्दुओं के साथ लगातार बदसलूकी हो रही है और हिन्दू मंदिरों को तोड़ा जा रहा है। समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष अरुण उपाध्याय ने शुक्रवार को कांस्टीट्यूशनल क्लब में आयोजित एक गोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि श्रीलंका में तमिल हिन्दुओं के साथ हो रहा दुर्व्यवहार निंदनीय है। इस मुद्दे पर केन्द्र सरकार को ठोस कदम उठाने की जरूरत है।
उपाध्याय ने कहा कि श्रीलंका में पुराने हिंदू मंदिर तोड़े जा रहे हैं। उन पर बौद्ध, सिंहली लोग कब्जा कर रहे हैं। उन्होंने पूर्वोत्तर श्रीलंका में हिंदू पहचान की रक्षा करने और सुरक्षा और स्थिरता बहाल करने के लिए केंद्र सरकार से भारत-लंका समझौते को पूरी तरह से लागू करने के लिए श्रीलंका पर दबाव डालने और तमिल हिंदुओं को उचित राजनैतिक सहभागिता दिलाने की अपील की। उन्होंने कहा कि श्रीलंका में चल रहे सांस्कृतिक नरसंहार से हिंदू प्रतीकों का मान और हिंदुओं की पहचान खतरे में हैं। कुरुंथौर-मलाई में बौद्ध स्तूप का निर्माण बंद हो और हिन्दू समाज को शिव मंदिर सौंपा जाए। तिरुकोनेश्वरम मंदिर की भूमि का अतिक्रमण बंद किया जाए। उन्होंने मांग की कि जब तक उत्तर-पूर्व के हिंदू तमिलों का सिंहलीकरण और बौद्धीकरण पूरी तरह से बंद नहीं हो जाता, तब तक भारत श्रीलंका को और सहायता देना बंद करे।
उपाध्याय ने कहा कि श्रीलंका के तमिल हिंदुओं के मानवाधिकार और धार्मिक स्वतंत्रता को लक्ष्य कर सांप्रदायिक हमले किए जा रहे हैं। इस सांस्कृतिक नरसंहार को राज्य प्रायोजित आतंकवाद कहना ठीक होगा।
संगठन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वरुण शर्मा ने कहा कि श्रीलंका उत्तर-पूर्वी प्रांत मुल्लातिवु में प्राचीन हिंदू मंदिर के स्थान पर बौद्ध विहार का निर्माण किया गया। श्रीलंका में वर्ष 2009 में गृहयुद्ध की समाप्ति के बाद से, कट्टरपंथी बौद्ध भिक्षुओं द्वारा समर्थित श्रीलंकाई सरकार ने पुराने हिंदू मंदिरों के स्थलों पर बौद्ध पूजा स्थलों के निर्माण शुरू किया है।