ग्वालपाड़ा (असम), 09 सितम्बर (हि.स.)। गौहाटी हाईकोर्ट ने ग्वालपाड़ा में संरक्षित वन से अवैध अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया है। उच्च न्यायालय ने तीन महीने के भीतर सर्वेक्षण कर जंगल से अवैध अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया। इस संबंध में अति शीघ्र टास्क फोर्स का गठन किया जाएगा और जल्द से जल्द बेदखली अभियान चलाया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि ग्वालपाड़ा में संरक्षित वनों के अंधाधुंध अतिक्रमण और जंगलों के विनाश से जंगली हाथियों के आवास को खतरा उत्पन्न हो गया है। ग्वालपाड़ा में 25.67 प्रतिशत वन क्षेत्र अतिक्रमण की चपेट में है। 2002 से अब तक हाथी-मानव संघर्ष के कारण 223 लोगों की मौत हो चुकी है। इसी तरह 33 हाथियों की मौत हो चुकी है।
बंगाईगांव जिला के प्रसिद्ध प्रकृति प्रेमी प्रणवज्योति शर्मा ने गौहाटी उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को पत्र भेजा था, जिसके बाद उच्च न्यायालय ने आदेश दिया है कि वनों का सर्वेक्षण तीन महीनों के भीतर करने के बाद वनों से अवैध अतिक्रमण को खाली कराया जाए।