रोज बढ़ रहे हैं मरीज, मौतों का आंकड़ा भी बढ़ने लगा

-कोरोना से बचाव के लिए प्रशासन ने बताए तरीके

मंदसौर, 21 अप्रैल (हि.स.)।  पूरे प्रदेश के साथ मंदसौर जिले में भी कोरोना का संक्रमण तेजी से फैल रहा है। संक्रमण को रोकने के लिए जिला प्रशासन ने मंदसौर में दस दिनों का लाॅकडाउन लगा रखा है। जिसका अब सख्ती से पालन भी करवाया जा रहा है लेकिन कोरोना रिपोर्ट्स में तो अभी तक लाॅकडाउन का असर नहीं दिखा है। कल रात तक ताजा रिपोर्ट्स में 121 मरीज नये सामने आये हैं। प्रशासन जहां स्वास्थ्य सेवाओं में लगा है वहीं प्रशासन ने अपनी और से एडवाइजरी भी जारी की है और लोगों से स्वबंदी का पालन करने का अनुरोध किया है। मंदसौर में रोज कोरोना के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। सबसे खराब बात यह है कि मरने वालों की संख्या भी रोज बढ़ रही है। बुधवार 12 तो मंगलवार को एक ही दिन में 13 लोगों की कोरोना से मौत हो गई। इससे पहले सोमवार को भी 7 लोगों की मौत हो गई थी इससे पहले भी लगातार कोरोना से मौतें हो रही हैं। बाजार में लोगों की लापरवाही भले ही थमने का नाम नहीं ले रही हैं लेकिन कोरोना की वास्तविकता डरा देने वाली सामने आ रही है। मंदसौर में लगातार मौत का सिलसिला चल रहा है जो रुक नहीं रहा है। यह बात अलग है कि प्रशासनिक आंकडों में मौत की संख्या आडिट में स्पष्ठ नहीं कर रहा है।  सामने नहीं आ रहीं है जबकी सच्चाई मुक्तिधाम एवं कब्रिस्तान में दिखाई दे रही है। 
भाजपा नेता एवं नपा के पूर्व सभापति की मौत-कोरोना से बुधवार को नगर पालिका के पूर्व सभापति ओमप्रकाश सोनी की मृत्यु हो गई वे पिछले 15 दिनों से कोरोना से जंग लड़ रहे थे और उनका उपचार उदयपुर में चल रहा था लेकिन बुधवार को उनका दुखद निधन हो गया। इससे 7 दिन पूर्व उनके छोटे भाई पूर्व पार्षद मदन सोनी का कोरोना से निधन हो चुका है। इसके अलावा भाजपा नेता विक्रम मावर का भी कोरोना के चलते निधन हो गया। जिले में 143 मरीजों ने कोरोना से जंग जीती-कोरोना जैसी महामारी से डरने की आवश्यकता नहीं है, जबकि इस महामारी से सावधानी रखने की आवश्यकता है। जिस तरह से शतरंज के खेल में राजा को बचाव करके चलना पड़ता है, ठीक उसी प्रकार इस महामारी से हमें अपने आप को बचा कर रहना है। अगर हम सब कोरोना के नियम का पालन करें तो कोरोना जैसी विकराल महामारी हम जैसे लोगों से डर सकती हैं, इसी तरह का उदाहरण आज जिले में देखने को मिला जिले में बुधवार को 143 मरीजों ने कोरोना पर जंग हासिल की तथा स्वस्थ होकर सकुशल घर लौटे। दूसरी तरफ कोरोना कर्फ्यू अर्थात जनता कर्फ्यू का इतना असर देखने को मिला कि जिले में बुधवार को मात्र 121 पॉजिटिव ही आये। 
इन नियमों का पालन कर बच सकते है कोरोना से-कोरोना के संक्रमण से बचना जितना आसान है, एक बार हो जाने के बाद उससे बच पाना उतना ही मुश्किल है।  यदि अस्पताल के दरवाजे तक पहुँचने की नौबत आ गई तो फिर भरोसा नहीं है कि घर का दरवाजा फिर नसीब होगा या नहीं। अतः समझदारी इसी में है कि कोरोना हो ही नहीं और हो भी तो इतना मामूली हो कि घर पर ही ठीक हो जाये। घर बंदी- जब तक जान जाने की नौबत जैसा काम न आन पड़े, घर से बाहर कदम न रखें. इमरजेंसी में घर से बाहर जाने के लिये केवल एक ऐसा व्यक्ति मुक़र्रर करें जो शारीरिक रूप से स्वस्थ हो. यदि घर में ऐसा कोई बंदा न हो तो अड़ोस-पड़ोस मे, नाते-रिश्तेदारी में देख लें।नाक-मुँह बंदी – जब भी घर से बाहर निकले, दोहरा मास्क लगाकर निकलें. पहले थ्री लेयर सर्जिकल मास्क लगाये, फिर उसके ऊपर कपड़े का मास्क बांध लें। मास्क लगाने से यदि घुटन होती है तो होने दें, मरेंगे नही। दम घुटने से मरना भी पड़े तो कोरोना से मरने से अच्छा है। बाहर जिस भी व्यक्ति ने नाक-मुँह ढक नहीं रखा है, उससे न तो संवाद करें और न ही कोई संव्यवहा। भले ही वह आपका कितना भी करीबी क्यों न हो। घर से बाहर रहने के दौरान हर आधे घंटे में हाथों को सेनेटाइज करते रहें। बाहर से घर में वापस आने पर कपड़े के मास्क को साबुन से अच्छी तरह से धोयें और सर्जिकल मास्क को जलाकर नष्ट कर दें।

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