कोरोना का डर: विदेशी निवेशकों ने शुरू की भारतीय बाजार से पैसों की निकासी

नई दिल्ली, 19 अप्रैल (हि.स.)। कोरोना ने भारतीय निवेशकों के मन में तो डर का भाव पैदा किया ही है, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) भी कोरोना को लेकर काफी सतर्क हो गए हैं। भारत में एक बार फिर आर्थिक पाबंदियों की आशंका से विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने काफी तेजी से पैसा निकालना शुरू कर दिया है। अप्रैल के पहले पखवाड़े के दौरान ही इन निवेशकों ने भारतीय बाजार में 4615 करोड़ रुपये की बिकवाली करके अपने पैसे निकाले हैं। 
जानकारों का कहना है कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए कई राज्यों ने सख्त पाबंदियां लगाई हैं, जिसके कारण घरेलू और विदेशी निवेशकों के मन में आर्थिक गतिविधियों के ठप होने का डर बैठ गया है। इसी डर की वजह से निवेशक बिकवाली कर रहे हैं। ये बिकवाली भी विशेष तौर पर विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक ज्यादा मात्रा में कर रहे हैं। 
डिपॉजिटरी से मिले आंकड़ों के मुताबिक विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने एक अप्रैल से लेकर 16 अप्रैल के बीच भारतीय शेयर और डेट बाजार से कुल 4615 करोड़ रुपये की निकासी की है। इस अवधि में उन्होंने शेयर बाजार में 4643 करोड़ रुपये की बिकवाली की, जबकि डेट बाजार में 28 करोड़ रुपये का निवेश किया। मतलब उनकी कुल बिकवाली 4643 करोड़ रही, वहीं लिवाली 28 करोड़ रुपये की हुई। इस तरह भारतीय बाजार से कुल 4615 करोड़ रुपये निकल गया। 
अप्रैल के पहले 2021 के शुरुआती तीन महीनों के दौरान विदेशी निवेशक लगातार भारतीय बाजार में खरीदारी कर रहे थे। जनवरी 2021 में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने 14649 करोड़ रुपये का निवेश किया था, जबकि फरवरी 2021 में उनका निवेश 23663 करोड़ रुपये का रहा। वहीं मार्च 2021 में इन निवेशकों ने भारतीय बाजार में 17304 करोड़ रुपये का निवेश किया। इस तरह 2021 के पहले तीन महीनों के दौरान विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने कुल 55616 करोड़ रुपये का निवेश किया। अब कोरोना के कारण बाजार में बने हालात में विदेशी निवेशकों ने अपनी रणनीति बदल दी है। अब वे बिकवाली कर अपना पैसा निकालने लगे हैं। सिर्फ अप्रैल के महीने में ही विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक पिछले तीन महीने में किए गए अपने निवेश की करीब आठ फीसदी से कुछ ज्यादा राशी की निकासी कर चुके हैं। 
बाजार के विशेषज्ञों का कहना है कि कई राज्यों ने कोरोना संक्रमण पर काबू पाने के लिए कठोर कदम उठाए हैं। इन कदमों में एक हफ्ते से लेकर दो हफ्ते तक का पूर्ण लॉकडाउन, सेमी लॉकडाउन, वीकेंड कर्फ्यू और नाइट कर्फ्यू जैसे कदम शामिल हैं। इसकी वजह से देश की आर्थिक गतिविधियों के प्रभावित होने का खतरा बन गया है। यही कारण है कि किसी भी तरह से नुकसान की आशंका को टालने के लिए विदेशी निवेशकों ने भारतीय बाजार से अपने पैसों की निकासी शुरू कर दी है। 
कोरोना महामारी के फैलने की आशंका की वजह से पिछले सप्ताह के कारोबार के दौरान फार्मा को छोड़कर बाकी सेक्टर्स के इंडेक्स बाजार में नुकसान का प्रतीक लाल निशान दिखाते रहे हैं। जानकारों का कहना है कि आने वाले समय में विदेशी निवेशकों का रुख कोरोना वायरस की दूसरी लहर की रफ्तार और आर्थिक गतिविधियों पर लगने वाले प्रतिबंधों की सख्ती पर निर्भर करेगा। 

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