कोलकाता, 01 अप्रैल (हि.स.)। राजनीतिक हिंसा के लिए बदनाम हो रहे पश्चिम बंगाल में इस बार शांतिपूर्वक मतदान कराने के चुनाव आयोग के दावों के विपरीत नंदीग्राम में जमीनी हकीकत अलग ही नजर आई। कई स्थानों पर लोगों ने जमकर हंगामा हुआ। कई शिकायतों के बाद भी चुनाव आयोग ने कोई कार्रवाई नहीं की। गुरुवार को बंगाल में दूसरे चरण का मतदान चल रहा है। इस चरण में नंदीग्राम विधानसभा सीट से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी उम्मीदवार हैं और उनके मुकाबले भाजपा के शुभेन्दु अधिकारी हैं। शांतिपूर्ण ढंग से चुनाव कराने के लिए प्रशासन ने धारा 144 लगा कर रखी है लेकिन इसका कहीं असर नही दिखा। नंदीग्राम में पिछले डेढ़ घंटे से सैकड़ों लोग एकजुट होकर ममता बनर्जी की मौजूदगी में हंगामा करते रहे। प्रशासन ने उन्हें हटाने की कोई कार्रवाई नहीं की है। दरअसल, बोयाल के एक हाई स्कूल में बने मतदान केंद्र पर ममता बनर्जी ने डेरा डाल लिया। उनकी मौजूदगी में बड़ी संख्या में यहां रहने वाले अल्पसंख्यक समुदाय के लोग बाहर निकल आए हैं। आरोप है कि वे लोग आम मतदाताओं को डरा धमका रहे हैं और मतदान नहीं करने दे रहे।इसके जवाब में दूसरे गुट के लोग भी बड़ी संख्या में एकत्र होकर हंगामा कर रहे हैं और पुलिस मूक बनी हुई है। आरोप है कि पुलिस प्रशासन की मौजूदगी में उन्हें वोट नहीं डालने दिया जा रहा है। शिकायत केे बाद भी घंटों तक कोई भी बड़ा अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा है और न ही पुलिस ने कोई ठोस कार्रवाई की। हालांकि, चुनाव आयोग के सूत्रों ने बताया है कि बंगाल के प्रभारी और उपचुनाव आयुक्त सुदीप जैन ने राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी आरिज आफताब से फोन पर घटना की रिपोर्ट तलब की है, लेकिन खबर लिखे जाने तक तनाव बना हुआ है।
2021-04-01