नई दिल्ली, 30 मार्च (हि.स.)। भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट मैच जब भी होता है तो वह रोमांच से भरपूर होता है और जब वह मैच विश्व कप का सेमीफाइनल हो तो उसकी बात ही अलग होती है। ऐसा ही एक रोमांचक क्षण 2011 विश्व कप में 30 मार्च को आया था,जब भारत ने पाकिस्तान को हराकर विश्व कप के फाइनल में प्रवेश किया था।
दोनों टीमों के बीच यह मुकाबला पंजाब के आईएस ब्रिंदा स्टेडियम, मोहाली में खेला गया था। इस मैच में भारतीय टीम ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया था। टीम के लिए सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग और सचिन तेंदुलकर ने सधी हुई शुरुआत की थी लेकिन 48 रन के स्कोर पर सहवाग वहाब रियाज की गेंद पर एलबीडबल्यू हो गए। सहवाग तब तक 38 रन बना चुके थे।
सहवाग के आउट होने के बाद सचिन ने सावधानी से पारी को आगे बढ़ाया। हालांकि इस बीच उन्हें पाकिस्तानी फील्डरों के द्वारा चार बार जीवनदान भी मिला। नतीजा यह हुआ कि मास्टर ब्लास्टर ने 85 रन बना दिए। सचिन के अलावा गौतम गंभीर ने 27 रनों का योगदान दिया जबकि कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने 25 और सुरेश रैना ने नाबाद 36 रन बनाए। भारतीय टीम ने निर्धारित 50 ओवर में 9 विकेट के नुकसान पर 260 रनों का स्कोर खड़ा किया।
जवाब में पाकिस्तानी टीम 231 रनों पर सिमट गई। पाकिस्तान के लिए मिस्बाह उल हक ने 56 रनों की पारी खेली थी। इसके अलावा अशद सफीक ने 30, उमर अकमल ने 29 और कप्तान शाहिद अफरीदी ने 19 रनों का योगदान दिया था। भारत की तरफ से जहीर खान, युवराज सिंह, मुनाफ पटेल, हरभजन सिंह और आशीष नेहरा ने दो-दो विकेट हासिल किए थे।
2021-03-30