वॉशिंगटन, 25 मार्च (हि.स.)। अमेरिका में हुए ट्रायल्स के बाद पता लगा है कि एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन कोरोना से लड़ने में 76 प्रतिशत प्रभावी है।
एस्ट्राजेनेका कंपनी के रिसर्च एंड डेवेलपमेंट विभाग के कार्यकारी अध्यक्ष मेने पंगालोस ने बताया कि प्राथमिक विश्लेषण पहले जारी किए गए जो अंतरिम विश्लेषण के अनुरूप है और इससे इस बात की पुष्टि होती है कि हमारी कोरोना वैक्सीन व्यस्कों में अधिक प्रभावी है।
कंपनी की ओर से गुरुवार को इस बात को दोहराया गया है कि जो वैक्सीन ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर विकसित की गई है वह इस बीमारी के गंभीर रूप से लड़ने में 100 प्रतिशत प्रभावी है। साथ ही यह भी कहा गया है कि यह वैक्सीन वयस्कों और 65 साल से अधिक वर्ष के लोगों में 85 प्रतिशत प्रभावी है।
यूनिवर्सिटी ऑफ क्वींसलैंड के प्रोफेसर पॉल ग्रिफिन ने बताया कि हममें से बहुत लोग तीसरे चरण की रिपोर्ट की प्रतीक्षा कर रहे थे। उन्होंने बताया कि यह वैक्सीन बहुत ही प्रभावी है और इसकी सुरक्षा को लेकर कोई चिंता करने वाली बात नहीं है। उन्हें उम्मीद है कि यह वैक्सीन लोगों में इसे लगवाने को लेकर विश्वास पैदा करेगी। उन्होंने यह भी बताया कि उन्हें स्वयं और अपने माता-पिता को यह वैक्सीन लगी है।
वैश्विक स्तर पर देखा गया है कि एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन अन्य की अपेक्षा अधिक प्रभावी है। इसे 70 से अधिक देशों में मंजूरी दे दी गई है। यह सस्ती भी है और आराम से इसे लेकर जाया जा सकता है।
उल्लेखनीय है कि कई देशों में इसे लगवाने के बाद खून के थक्के जमने की शिकायत आ रही थी जिसके कारण कई देशों ने इसके प्रयोग पर अस्थायी रोक लगा दी थी।