लंदन, 23 मार्च (हि. स.)। कोरोना संक्रमण के खिलाफ एस्ट्राजेनेका वैक्सीन पर किए गए परीक्षण में यह 79 फीसदी प्रभावी पाई गई है। अमेरिका और दो दक्षिण अमेरिकी देशों में बड़े पैमाने पर किए गए परीक्षण में यह तथ्य सामने आया है। जबकि संक्रमण की रोकथाम में यह 100 फीसदी खरी साबित हुई है। ब्रिटेन की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्राजेनेका कंपनी की ओर से विकसित इस टीके का उत्पादन भारत के सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा भी किया जा रहा है।
अमेरिका, चिली और पेरू में कराए गए एस्ट्राजेनेका की ओर से तीसरे चरण के परीक्षण में यह वैक्सीन सुरक्षित और उच्च स्तर पर प्रभावी पाई गई है। इससे पहले ब्रिटेन, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका में भी इस टीके का परीक्षण किया गया था। इसमें भी यह वैक्सीन कोरोना के खिलाफ असरदार पाई गई थी। जबकि 65 वर्ष और इससे ज्यादा उम्र के प्रतिभागियों में वैक्सीन 80 फीसदी असरदार मिली है।
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर और टीका परीक्षण के प्रमुख एंड्रयू पोलार्ड ने कहा कि यह हम सभी के लिए अच्छी खबर है। हालांकि ट्रायल के ये नतीजे ऐसे समय सामने आए हैं, जब इस माह के प्रारंभ में कई यूरोपीय देशों में इस वैक्सीन के इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई थी। कुछ खबरों में रक्त का थक्का बनने से इस टीके को जोड़ दिया गया था। हालांकि बाद में सुरक्षित पाए जाने पर टीकाकरण बहाल कर दिया गया।
एस्ट्राजेनेका वैक्सीन के ट्रायल में 32 हजार से ज्यादा लोगों को शामिल किया गया था। इनको वैक्सीन की दो खुराक दी गई। दोनों डोज में चार हफ्ते का अंतराल रखा गया था।