जयपुर, 21 मार्च (हि.स.)। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सतीश पूनियां ने आमजन को कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर से सावचेत रहने और सुरक्षा सम्बन्धी उपायों में लापरवाही नहीं बरतने की अपील की है। पूनियां ने रविवार सुबह फेसबुक लाईव के ज़रिये संवाद करते हुए लोगों से कहा कि दुनिया के कई देश कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर की जद में आ गए हैं। वहीं देश-प्रदेश में भी संक्रमण की गति एक बार फिर से रफ़्तार पकडऩे लगी है। ऐसे में इस संक्रमण के प्रति जऱा भी लापरवाही बरतना खतरनाक साबित हो सकता है।
पूनियां ने रविवार को अपने दिनभर के व्यस्त शेड्यूल के बीच चलती कार से ही फेसबुक संवाद किया। ये पहली बार रहा जब किसी प्रदेश स्तरीय नेता ने स्वयं की कार में बैठकर सडक़ मार्ग के बीच लाईव संवाद किया है। पूनियां रविवार सुबह जयपुर से रवाना होकर लालसोट-बामनवास-गंगापुर सिटी के दौरे पर रहे। इस बीच उन्होंने पूर्व प्रस्तावित कोरोना की दूसरी लहर पर संवाद किया।
पूनियां ने कहा कि चिकित्सकों ने कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर की किस्म को पहले से ज़्यादा खतरनाक माना है। लिहाजा सभी को सुरक्षा सम्बन्धी उपायों को एक बार फिर से व्यवहार में लाने की आवश्यकता है। मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग, सेनेटाइजऱ और वैक्सीन को चार सुरक्षा उपाय बताते हुए पूनियां ने इन्हें व्यवहार में लाने की अपील की। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि पहले स्वयं को ये सभी सुरक्षा उपाय अपनाते हुए एम्बेसेडर बनना होगा। इसके बाद ही अन्य लोगों को सावधान और जागरूक करना होगा। तेरापंथ का पाठ ‘निज पर शासन, फिर अनुशासन’ का जिक़्र करते हुए पूनिया ने कहा कि संक्रमण से पहले खुद बचें और फिर ही दूसरों को बचाएं।
संक्रमण दर बढऩे के साथ ही आमजन की बढ़ती लापरवाही पर पूनिया ने चिंता ज़ाहिर की। उन्होंने कहा कि बीते दिनों से विवाह समारोह के आयोजन और निजी आयोजन में वृद्धि देखी गई है। लेकिन, अभी सभी को धैर्य और संयम रखने की आवश्यकता है। संक्रमण की दूसरी लहर को हलके में नहीं लेकर सुरक्षा उपायों को फिर से कड़ाई के साथ व्यवहार में लाने की ज़रुरत है।
पूनियां ने कहा कि लगभग 100 वर्षों पहले वर्ष 1819 में दुनिया ने ‘स्पेनिश फ़्लू’ संक्रमण का दौर देखा था, जिसमें असंख्य लोग काल कवलित हुए थे। फिर कोरोना संक्रमण के रूप में वैसा ही आक्रमण पूरी दुनिया में हुआ। हालांकि, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हिंदुस्तान ने अचानक आई आपदा से कड़ा संघर्ष किया। स्वयंसेवी संस्थाओं से लेकर सरकारी महकमों तक की सकारात्मकता ने इस संक्रमण पर विजयी पाई। वहीं देश के वैज्ञानिकों ने भी दो स्वदेश वैक्सीन विकसित की जिससे कोरोना के खिलाफ जंग में सहयोग मिला।
उन्होंने कहा कि एक कालखंड आया जिसमें लगा की कोरोना का प्रकोप कम हुआ है और हम सभी अपनी दिनचर्या में लौट आए। आर्थिक स्थितियां सामान्य हुईं और जीवन पटरी पर लौट आया। लेकिन प्रकृति का अद्भुत फैसला ये रहा कि दुनिया में कोरोना का संक्रमण फिर से शुरू हो गया।
2021-03-21