राजस्थान के जनजाति क्षेत्रों में रोजगार बढ़ाने के लिए केन्द्र हर साल बढ़ा रहा राशि

जयपुर, 19 मार्च (हि.स.)। राजस्थान में अनुसूचित जन जाति कल्याण कार्यक्रम के तहत केन्द्र सरकार जनजाति क्षेत्रों में रोजगार बढ़ाने के लिए हर साल धनराशि बढ़ा रही है। केन्द्र सरकार ने स्किल डवलपमेंट, जीविका उपार्जन तथा पशुधन आधारित आय उपार्जन की गतिविधियों के लिए पिछले साल राज्य सरकार को 4 हजार 950 करोड़ रुपये आवंटित किए है। इसी मद में राजस्थान सरकार को वर्ष 2016-17 में 2724.13 करोड़, 2017-18 में 2939.79 करोड़ एवं वर्ष 2018-19 में 2359 करोड़ का आवंटन किया जा चुका है। बीते चार सालों में राज्य सरकार को केन्द्र सरकार से इस मद में 12 हजार 972.92 करोड़ रुपये उपलब्ध करवाए गए है। 

राज्यसभा में अनुसूचित जन जाति मामलों की राज्य मंत्री रेणुका सिंह सरूता ने सांसद नीरज डांगी के एक सवाल के जवाब में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों व विभागों द्वारा राजस्थान में अनुसूचित जनजाति विकास कार्यक्रमों के लिए वर्ष 2020 से 2021 (9 मार्च 2021 तक) 2175 . 96 करोड रुपये, 2019-20 में 2734.79 करोड़ रुपये, 2018-19 में 2141.18 करोड रुपये और 2017-18 में 2391.17 करोड़ रुपये की धनराशि जारी की गई है। विशेष केंद्रीय सहायता से ट्राइबल सबस्कीम के माध्यम से राज्य सरकार को उनकी मांग के अनुरूप जीविका उपार्जन (लाइवलीहुड), क्षमता विकास, पशुधन आधारित आय उपार्जन की गतिविधियों आदि के लिए धनराशि आवंटित की जाती है। साथ ही इंस्टीट्यूशनल सपोर्ट फॉर डवलपमेंट एंड मार्केटिंग ऑफ ट्राईबल प्रोडक्ट्स प्रोड्यूस योजना के तहत स्टेट ट्राईबल डवलपमेंट को-ऑपरेटिव कॉरपोरेशन व ट्राईबल को-ऑपरेटिव मार्केटिंग डवलपमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (ट्राइफेड) को अनुदान राशि मुहैया कराई जा रही है। इस योजना का उद्देश्य अनुसूचित जनजातियों द्वारा बनाए गए उत्पादों की बिक्री और विकास के लिए संस्थागत सहयोग को बढ़ावा देना और अनुसूचित जनजाति के कलाकारों, शिल्पकारों को प्रशिक्षण एवं क्षमता विकास करना है। ट्राइफेड द्वारा अनुसूचित जनजाति की पारंपरिक कलाओं और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए आदि महोत्सव का भी आयोजन किया जा रहा है। इस योजना के तहत वर्ष 2019-20 में राजस्थान को 5.63 करोड रुपये जारी किए गए।

उन्होंने बताया कि वन उत्पादों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य योजना के माध्यम से ट्राइफेड़ वन धन  विकास केंद्र की पहल का क्रियान्वयन 2018-19 से कर रहा है। इसमें अनुसूचित जनजाति के लोगों द्वारा उत्पादित वस्तुओं के लिए इन बहुउद्देशीय केंद्रों की स्थापना अनुसूचित जनजाति बहुल जिलों में की गई है। राजस्थान में 27 वन धन विकास केंद्र स्वीकृत किए गए हैं। जिनमें कुल 8190 लाभार्थियों की गणना की गई है।

इसके अतिरिक्त अनुसूचित जनजाति मंत्रालय के तहत नेशनल शेड्यूल ट्राइब फाइनेंस एंड डवलपमेंट कॉरपोरेशन अनुसूचित जनजाति के पात्र लोगों को सस्ती दरों पर ऋण उपलब्ध कराता है, जिससे वे आय उपार्जन व रोजगार सृजन कर सकते हैं। नेशनल शेड्यूल ट्राइब फाइनेंस कॉरपोरेशन द्वारा राजस्थान को टर्म लोन, आदिवासी महिला शक्ति योजना, स्वयं सहायता समूह के लिए माइक्रो क्रेडिट योजना के तहत साल 2019-20 में टर्म लोन के तहत 347.14 करोड, आदिवासी महिला सशक्तिकरण योजना में 15.53 करोड, माइक्रो क्रेडिट स्कीम में 94.60 करोड, आदिवासी शिक्षा ऋण योजना में 0.90 करोड तथा वर्किंग केपिटल असिस्टेंट के रूप में 1.34 करोड रुपये का आवंटन किया गया है। इन मदों में साल 2017-18 में 318.02 करोड तथा साल 2018.19 में 481.06 करोड रूपये का आवंटन किया गया था।

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