नई दिल्ली, 17 मार्च। मिजोरम के राज्यसभा सांसद के। भानलालभेना ने म्यांमार में सैन्य तख्तापलट को लेकर पड़ोसी देश के नागरिकों को भारत में शरण देने का आह्वान किया है। उन्होंने म्यांमार के नागरिकों को शरणार्थी के रूप में भारत में शरण पर राष्ट्रीय नीति की समीक्षा करने की अपील की।
मंगलवार को राज्यसभा में बजट सत्र की शून्यकाल के दौरान भानलालभेना ने म्यांमार के लोगों की तकलीफो को लेकर संबोधित किया। उन्होंने कहा कि पड़ोसी म्यांमार में सैन्य तख्तापलट के बाद से लगभग 300 लोगों ने मिजोरम में शरण ली है। इनमें से 150 पुलिस कर्मी हैं। उन्होंने कहा कि मिजोरम सरकार और स्वयंसेवी संगठनों ने मानवता की नजरिये से उनकी राहत आपूर्ति में मदद की है।
उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने हाल ही में एक निर्देश जारी किया था जिसमें कहा गया था कि पूर्वोत्तर में म्यांमार सीमा से सटे राज्यों उस देश के नागरिकों को शरण न दे। यही नहीं, म्यांमार से अवैध प्रवेश को रोकने के लिए असम राइफल्स को सीमा सील करने का निर्देश दिया गया है।
उन्होंने कहा कि जब तक स्थिति सामान्य नहीं हो जाती म्यांमार के मिज़ो नागरिकों को निर्वासित नहीं किया जाना चाहिए यदि वे भारत में सुरक्षा कारणों से शरणार्थियों के रूप में रहना चाहते हैं। उनके शब्दों में, भारत मानवता के दृष्टि से शरणार्थियों के लिए एक सुरक्षित देश के रूप में दुनिया भर में जाना जाता है। इतना ही नहीं, दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में सभी क्षेत्रों के लोगों के लोकतांत्रिक अधिकारों की स्थापना के लिए खड़े होना हमारी जिम्मेदारी और कर्तव्य है। उन्होंने म्यांमार के शरणार्थियों साथ खड़े होने के लिए केंद्र सरकार से आग्रह किया है।