— पंजाब से लौटते समय पुलिस ने चालक-क्लीनर को पकड़ते हुए बरामद किया खूनी ट्रक
कानपुर, 14 मार्च (हि.स.)। जनपद के सजेती थानाक्षेत्र की सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता के पिता की मौत के मामले में पुलिस ने गहन छानबीन, फॉरेंसिक व सर्विलांस टीम के साथ जुटाए साक्ष्यों के आधार पर हत्या की साजिश से इंकार कर दिया है। पुलिस रिपोर्ट में अभी तक की जांच में घटना दुर्घटना के रुप में सामने आ रही है। इस मामले में पुलिस ने दुर्घटना में शामिल चालक व क्लीनर को ट्रक समेत कानपुर देहात जनपद से पकड़ लिया है।
सजेती कांड पीड़िता के पिता की हत्या की घटना के मामले में पुलिस की गहना जांच, फॉरेंसिक व सर्विलांस की मद्द से दुर्घटना की बात प्रकाश में आई है। यह जानकारी रविवार को पुलिस उपमहानिरीक्षक (डीआईजी) डॉ. प्रीतिंदर सिंह ने पुलिस लाइन स्थित सभागार में पत्रकार वार्ता करते हुए दी। उन्होंने बताया कि, आठ मार्च को सजेती थाना इलाके में स्थित एक गांव में 13 वर्षीय किशोरी के साथ सामूहिक दुष्कर्म मामला पुलिस के सामने आया था। जिसमें पुलिस ने दरोगा पुत्रों समेत तीन पर गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज की थी। दस तारीख की सुबह घाटमपुर सीएचसी के सामने कानपुर—सागर हाईवे पर पीड़िता के पिता की ट्रक से कुचलकर मौत हो गई थी। मृतक के परिजनों ने आरोपितों के भाई व दरोगा पिता पर हत्या का आरोप लगाया था। जिस पर पुलिस ने मुकदमे में हत्या की धारा बढ़ाते हुए जांच शुरु की गई।
डीआईजी ने बताया कि इस मामले की फॉरेंसिक व सर्विलांस की टीमों ने गहन छानबीन शुरु की। जिसमें घटना में कई अहम बिन्दु प्रकाश में आए और फिर टीमों ने आसपास लगे सीसीटीवी व टोल प्लाजा पर लगे सीसीटीवी फुटैज खंगाले। जिसके आधार पर एक झारखंड नम्बर का ट्रक के बारे में पता चला। ट्रक के नम्बर के आधार पर हमने उसकी लोकेशन ट्रेस करते हुए कानपुर देहात के भोगनीपुर के पास से पकड़ लिया। पकड़े चालक पप्पू महतो निवासी झारखंड के धनबाद व क्लीनर बब्लू महतो ने पूछताछ में जमशेदपुर से ट्रक में माल लादकर कानपुर होते हुए पंजाब जा रहे थे, तभी घाटमपुर के पास सड़क पार करते समय एक आदमी हमारे ट्रक की चपेट में आ गया था।
घटना के बाद पुलिस व राहगीरों से बचने के लिए मौके से गाड़ी लेकर फरार हो गए थे। घटना का किसी को पता न चल सके इसको लेकर हमने रास्ते में ट्रक की धुलाई कराई और फिर पंजाब पहुंचे। वापस लौटते समय पुलिस ने नम्बर के आधार पर उन्हें पकड़ लिया। डीआईजी ने बताया कि धुलाई के बाद भी ट्रक में दुर्घटना के साक्ष्य मिले हैं। चालक व क्लीनर के बयान के आधार पर अग्रिम कार्यवाही की जा रही है।
चालक को ब्रेक लगाने का नहीं मिला वक्त
घटनास्थल के पास ट्रक के पहियों के घिसटने के निशान नहीं मिले थे। लिहाजा फॉरेंसिक एक्सपर्ट का कहना है कि जब हादसा हुआ तो ट्रक चालक को जरा भी समय नहीं मिला कि वो ब्रेक लगा सके। ये भी बताया कि हादसे के वक्त ट्रक की स्पीड औसतन ही थी। न बहुत अधिक न ही धीमी थी। जिस ट्रक को पुलिस ने पकड़ा था उससे हादसा नहीं हुआ। शनिवार को भी टीम ने फिर घटनास्थल जाकर मुआयना किया।
दरोगा के दोनों बेटे गए जेल
पीड़िता के पिता की मौत के मामले में दर्ज हत्या के केस में दरोगा देवेंद्र सिंह यादव मुख्य आरोपी है। उसका छोटा लड़का दीपू दुष्कर्म के मामले में दो दिन पहले ही जेल गया था। शनिवार को उसका बड़ा बेटा सौरभ यादव भी जेल भेज दिया गया। सौरभ पर पीड़ित परिवार को धमकाने का आरोप है। दरोगा देवेंद्र अभी फरार है फॉरेंसिक रिपोर्ट पुलिस को सौंप दी गई है। पीड़िता के पिता की मौत एक सड़क हादसा है। हत्या या खुदकुशी के साक्ष्य नहीं मिले हैं। जो पहले ट्रक पकड़ा गया है उससे हादसा नहीं हुआ है।