एमएलसी चुनाव में कांग्रेस को जीत के लिए कड़ी मेहनत करना जरूरी: उत्तम कुमार

हैदराबाद, 06 मार्च (हि.स.)। प्रदेश कांग्रेस समिति (पीसीसी) अध्यक्ष व नलगोण्डा सांसद उत्तम कुमार रेड्डी ने कहा है कि कांग्रेस पार्टी ने वरंगल-खम्मम- नलगोंडा स्नातक एमएलसी निर्वाचन क्षेत्र के चुनाव में एक आदिवासी रामुलू नाइक को उम्मीदवार बनाकर सामाजिक न्याय किया है। उन्होंने दावे के साथ कहा कि सामाजिक न्याय मात्र कांग्रेस पार्टी के जरिए ही संभव है।

उन्होंने भुवनागिरी के सांसद कोमाटि रेड्डी वेंकट रेड्डी और विधायक दल के नेता भट्टी विक्रमार्क के साथ वर्चुअल माध्यम से पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने जनरल सीट से रामुलु नाइक को पार्टी उम्मीदवार के रूप में नामित किया। इसलिए पार्टी कार्यकर्ताओं को रामुलु नाइक की जीत के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी।

उत्तम कुमार रेड्डी ने कहा कि सत्तारूढ़ तेलंगाना राष्ट्र समिति (तेरास) के प्रत्याशी पल्ला राजेश्वर रेड्डी को स्नातकों से वोट मांगने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है, क्योंकि राजेश्वर रेड्डी ने पिछले छह वर्षों में एमएलसी के रूप में स्नातकों व बेरोजगार युवाओं के कल्याण के लिए कुछ नहीं किया। उन्होंने आरोप लगाया कि तेरास नेता अब अवैध धन के बलबूते और शराब की आपूर्ति कर चुनाव जीतने का प्रयास कर रहे हैं। पीसीसी प्रमुख ने कहा कि वरंगल-खम्मम-नलगोंडा निर्वाचन क्षेत्र से एमएलसी चुनावों में मुख्य मुकाबला कांग्रेस और तेरास के बीच ही है।

उन्होंने इस अवसर पर पूरी उम्मीद से कहा कि दोनों एमएलसी सीटों पर कांग्रेस के जीतने की प्रबल संभावनाएं हैं। इसलिए पार्टी के पक्ष में वोट देने के लिए स्नातकों को समझाना अनिवार्य है। इस बात को ध्यान में रख कर छह जिलों में पार्टी कैडर को कड़ी मेहनत करनी होगी। उत्तम कुमार रेड्डी ने पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस की कीमतों में भारी वृद्धि पर केंद्र सरकार की जमकर खिंचाई करते हुए कहा कि वर्ष 2004 में पेट्रोल लगभग 70 रुपये लीटर था, जो अब बढ़कर लगभग सौ रुपये हो गया। साथ ही उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमत 2004 में लगभग 110 डॉलर प्रति बैरल थी, जो अब घट कर लगभग 56 डॉलर प्रति बैरल है। वैश्विक स्तर पर तेल की कीमतों में भारी गिरावट के बावजूद मोदी सरकार उपभोक्ताओं तक इसका लाभ नहीं पहुंचा रही है।

उन्होंने कहा कि स्नातक एमएलसी चुनावों में अगर भाजपा और तेरास को झटका लगेगा, तो दोनों सरकारें तेल की कीमतों को कम करने के लिए मजबूर होंगी।

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